Law Admission Rules: एडमिशन नहीं दे पाएंगे लॉ कॉलेज, करना होगा यह काम; MP हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लॉ कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर सख्त आदेश दिए हैं। कहा, बिना मान्यता एडमिशन देने वाले कॉलेजों की सूची सार्वजनिक कर उनके खिलाफ FIR कराएं।;

Update: 2025-03-11 09:43 GMT
Law Admission Rules
Law Admission Rules: स्टूडेंट्स को एडमिशन नहीं दे पाएंगे लॉ कॉलेज, MP हाईकोर्ट ने दिया सख्त निर्देश।
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Law Admission Rules: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लॉ में एडमिशन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त आदेश दिए हैं। कोर्ट ने बिना मान्यता के एलएलबी और एलएलएम में प्रवेश देने वाले कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देशित किया है कि ऐसे सभी संस्थानों की सूची पोर्टल पर अपलोड करें, जिनकी मान्यता संबंधी विवाद है। 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह फैसला जबलपुर के लॉ स्टूडेंट व्योम गर्ग और शिखा पटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। दोनों ने सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टीट्यूट से कानून की पढ़ाई की है, लेकिन स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश ने यह कहते हुए उनका रजिस्ट्रेशन अस्वीकार कर दिया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनके संस्थान (सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टीट्यूट) की मान्यता समाप्त कर दी है।  

भोपाल कमिश्नर को सौंपी जांच 
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने छात्रों की इस समस्या पर गंभीरता दिखाते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर को मामले की जांच करने और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों को जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा, बिना मान्यता एलएलबी और एलएलएम कराने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों पर एफआईआर दर्ज कराएं। 

हाईकोर्ट ने यह भी कहा 

  • ऐसे सभी शैक्षणिक संस्थान और विश्वविद्यालय को अपने पोर्टल पर स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से उन्हें मान्यता प्राप्त नहीं है। 
  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया ऐसी व्यवस्था बनाए कि कोई लॉ कॉलेज और यूनिवर्सिटी छात्रों के करियर से खिलवाड़ न कर सके।विधि विश्वविद्यालय और विधि महाविद्यालय अपने पोर्टल को हर साल मार्च में अपडेट करें। ताकि, कोई छात्र गुमराह न हो। 

ACS और पुलिस कमिश्नर तलब 
छात्रों ने कोर्ट को बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया कुछ कॉलेजों को बैकडेट पर मान्यता देती है। इससे भी छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है। यूनिसर्विटी के पोर्टल पर भी कई बार गलत विवरण दर्ज किया जाता है। हाईकोर्ट ने 25 मार्च को अगली सुनवाई निर्धारित कर उच्च शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और भोपाल के पुलिस कमिश्नर को तलब किया है। 

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