Jabalpur Popular Places: मध्यप्रदेश में 55 जिले हैं। हर जिले की अपनी एक अलग पहचान है। रहन-सहन, बोली, व्यंजन के लिहाज से भी यह एक-दूसरे से अलग हैं। हरिभूमि आपको 'मेरा शहर' सेगमेंट में हर दिन एक जिले की संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं से रूबरू कराता है। मंगलवार, 22 अक्टूबर को जानें जबलपुर की खासियत...।
जबलपुर का इतिहास
जबलपुर शहर का काफी समृद्ध इतिहास है। इस बात की पुष्टि भेड़ाघाट से मिले जीवाश्म भी करते हैं। पुरापाषाण युग में यहां लोग रहते थे। जबाली ऋषि के नाम पर इसका नामाकरण हुआ। मान्यता है जाबालि ऋषि यहीं रहते थे। राजा मदन सिंह ने 1100 ई में पहाड़ी पर मदन महल का निर्माण कराया था। 14वीं शताब्दी यह के चार गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था। धुआंधार जलप्रपात, मार्बल रॉक्स और भेड़ाघाट यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
जबलपुर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
- धुआंधार जलप्रपात (Dhuandaar Waterfall): जबलपुर में स्थित धुआंधार जलप्रपात पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं। नर्मदा नदी का तेज़ झरना एक मंत्रमुग्ध करने वाला कोहरा बनाता है जो धुएं जैसा दिखता है। इसलिए इसका नाम धुआँधार जलप्रपात रखा गया है। झरने के साथ आने वाली मधुर ध्वनि इसे और भी सुंदर बनाती है।
- मार्बल रॉक्स (Marble Rocks): मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में संगमरमर को तराश कर एक सुंदर घाटी बनाई है। यह लोकप्रिय भारतीय पर्यटन स्थल है। यहां पर्यटकों को घाटी के पार ले जाने के लिए एक केबल कार है। इसके अलावा झरने के नीचे पर्यटकों के लिए रोइंग बोट्स हैं। यहां नौका विहार के लिए सबसे सुंदर समय शरद पूर्णिमा के दिन होता है। इस दिन नौका विहार को शरीर और आत्मा के लिए उपचार माना जाता है।
- मदन महल किला (Madan Mahal fort): मदन महल किला जबलपुर में पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं । यह किला पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यह किला गोंड शासक राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया जबलपुर के ऐतिहासिक महत्व का प्रमाण है।
- भेड़ाघाट (Bhedaghat): जबलपुर से 20 किमी दूर नर्मदा किनारे स्थित भेड़ाघाट में संगमरमर की चट्टानें और चौसठ योगिनी मंदिर है। भेड़ाघाट एक आकर्षक पर्यटन स्थल है नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊंची चट्टानें भेड़ाघाट की खासियत हैं। यहां के लिए बस, टेम्पो और टैक्सी भी उपलब्ध रहती हैं।
- डुमना नेचर रिजर्व पार्क (Dumna Nature Reserve Park): 1,000 एकड़ में फैला डुमना नेचर रिजर्व पार्क कई तरह की वनस्पतियों और जीवों का घर है। जिसमें हिरण, जंगली सूअर और कई पक्षीयों की प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं। यहां आप खंदारी झील पर नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं। यहां का वातावरण काफी शांत है।
- रानी दुर्गावती संग्रहालय (Rani Durgavati Museum): जबलपुर में रानी दुर्गावती संग्रहालय इस क्षेत्र के इतिहास को दर्शाता है। इसमें कलाकृतियों और मूर्तियों का एक समृद्ध संग्रह प्रदर्शित है। यह संग्रहालय इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंन्द्र हैं। जो आस-पास के क्षेत्रों की कला और संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- बरगी बांध (Bargi Dam): जबलपुर के बाहरी इलाके में स्थित यह बांध पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं। हरियाली से घिरा यह बांध सैर के लिए एक आकर्षक स्थान है। यह बांध बोटिंग की सुविधा और शांत वातावरण प्रदान करता है।
- चौसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temple): यह मंदिर जबलपुर के एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो 10वीं शताब्दी का है। यह मंदिर देवी दुर्गा और उनकी 64 योगिनियों को समर्पित है। मंदिर की गोलाकार संरचना और जटिल नक्काशी उस युग की वास्तुकला को दर्शाती है। यह मंदिर पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं।
- पिसनहारी की मड़िया (Pisanhari ki Madiya): यह जबलपुर में एक पहाड़ी पर स्थित जैन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण एक गरीब महिला ने करवाया था। वह जैन धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करना चाहती थी। जिसके कारण सीमित साधनों के बावजूद खूबसूरत मंदिर का निर्माण करने में सफल रही । मंदिर शांत वातावरण पर्यटकों का आकर्षण का केंन्द्र हैं।
जबलपुर के प्रमुख व्यंजन
- खोया जलेबी : खोया जलेबी जबलपुर का प्रमुख व्यंजन है। यह व्यंजन जबलपुर का बहुत ही लोकप्रिय है ।
- पोहा जलेबी : पोहा जलेबी जबलपुर का प्रमुख व्यंजन है। यहां का जलेबी का स्वाद कहीं और नहीं मिलता और पोहा की बात की जाए तो इसकी खपत जबलपुर में सबसे ज्यादा होती है।
जबलपुर की प्रमुख फसलें
- गेहूं: गेहूं जबलपुर का प्रमुख उत्पादन फसल है। जिले में सालाना लगभग 1,45,260 हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जाता है और इसका वार्षिक उत्पादन लगभग 4,69,800 टन है।
- धान: धान जबलपुर में प्रमुख उत्पादन फसल है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धान उत्पादन शहर है। जिले में लगभग 1,24,030 हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जाता है । वार्षिक उत्पादन लगभग 5,58,100 टन है।
- हरा मटर : जबलपुर की लोकप्रिय फसल है इसमें उचित मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसकी फसल अवधि 40-60 दिन की होत है। हरा मटर का वार्षिक उत्पादन 52500 टन है।
- देशी चना : चना जबलपुर में अधिक मात्रा उत्पादन की जाने वाली फसल है । वार्षिक उत्पादन 1 07 100 टन है।
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जबलपुर में शिक्षा और रोजगार
- जबलपुर शिक्षा और रोजगार का बड़ा केंद्र है। इंदौर-भोपाल के बाद यहां सर्वाधिक नौकरी पेशा लोग रहते हैं। इंडियन आर्मी का यहां बड़ा सेंटर है। आर्मी के अलावा आर्डिनस फैक्ट्री, रेलवे और हाईकोर्ट में भी हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं।
- एजुकेशन के लिहाज से यहां रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, आयुर्वेद विश्वविद्यालय और महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय मौजूद हैं।
- शासकीय संस्थानों के अलावा यहां बड़ी संख्या में प्राइवेट इंस्टीट्यूट हैं, जहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ फैशन टेक्नालॉजी की पढ़ाई होती है। एमपी के सर्वाधिक केंद्रीय विद्यालय जबलपुर में मौजूद हैं।
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जबलपुर की आबादी और क्षेत्रफल
जबलपुर 10160 वर्ग किमी में फैला है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, आबादी के लिहाज से जबलपुर मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। 2011 में यहां 14,44,667 लोग रहते थे। जो बढ़कर 1,498,000 हो गए हैं। यहां लोगों का औसत आय 8,91,384 रुपए है। जबलपुर में हिन्दी और बघेलखंडी बोली जाती है।