प्रशांत शुक्ला, भोपाल: जबलपुर एसपी का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कांग्रेस ने भी इसे आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने एसपी संपत उपाध्याय के आदेश को एक्स हेंडल पर शेयर करते हुए सरकार का दीवाली ऑफर करार दिया था। एसपी ने इसे ड्राफ्टिंग को लेकर गलती बताया। साथ ही उन्होने संशोधित आदेश भी जारी कर दिया। रिटायर्ड पुलिस अफसरों का भी तर्क है कि जुए को लेकर एसपी का आदेश कानूनी रूप से उचित नहीं था।
दरअसल, एसपी ने पहले जारी किए गए आदेश में कहा था कि दीपावली से लेकर ग्यारस तक जुआ खेलने की शिकायत पर रेड से पहले पता कर लिया जाए कि आसपास कोई तालाब, नदी, नहर या फिर कुआं तो नहीं है। जुआ खेल रहे लोगों को पुलिस की मौजूदगी का एहसास कराया जाए ताकि वे खुद भाग जाएं। इसी लाइन को लेकर कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया।
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हालांकि भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकने की सलाह दी। एसपी ने रेड की कार्रवाई के दौरान जुआरियों के भागने के बीच होने वाली घटनाओं को देखते हुए ये आदेश जारी किया गया था। कांग्रेस द्वारा सवाल खड़े करने के जवाब में एसपी उपाध्याय ने एक्स पर लिखा, पुलिस कार्रवाई के दौरान दुर्घटना रोकने के उद्देश्य से जारी आदेश की ड्राफ्टिंग त्रुटि सुधार करते हुए संशोधित आदेश जारी किए गए हैं।
सबको ध्यान रखते हुए आदेश जारी किया गया
जबलपुर पुलिस अवैध गतिविधियों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्रवाई के लिए संकल्पित है और लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी ने कहा कि रेड के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें लोगों की जान चली गई। कार्रवाई से ज्यादा लोगों की जान कीमती है, इसकी परवाह करते हुए यह आदेश जारी किया गया है।
जारी आदेश कानूनी रूप से उचित नहीं था
इस मामले में रिटायर्ड आईजी आरएसएस परिहार का कहना है िक जबलपुर एसपी ने जो आदेश जारी किया वह कानूनी रूप से उचित नहीं था। उन्हे अपने आदेश में केवल सावधानी बरतने के निर्देश देना चाहिए था हालांकि बाद में उन्होने संशोधित आदेश निकाल दिया है। कई बार जुआरियों को पकड़ने के दौरान कुछ घटनाएं भी हुई है। इस लिए आदेश में उनकी मंशा गलत नहीं थी। हां यह जरूर है कि पुलिस अफसरों को इस तरह के आदेश निकालने के पहले परीक्षण कर लेना चाहिए।