Jan Aushadhi Kendra in MP: मध्य प्रदेश के जिला अस्पतालों में जन-औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सभी केंद्रों का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सीएम मोहन यादव भोपाल के मिंटो हाल में मौजूद रहे। जन-औषधि केंद्रों में गुणवत्तायुक्त जेनेरिक दवाइयां अपेक्षाकृत सस्ती कीमतों में मिलती हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत में जब अंग्रेजों का शासन था। चेचक की बीमारी फैली। बचाव के साधन नहीं थे। उस समय किसी को चेचक हो तो बबूल के कांटे से मवाद निकाल लेते थे। इसी मवाद से एंटीबॉडी तैयार किया। चेचक पीड़ित किसी अन्य व्यक्ति को यह मवाद लगाने से उसकी बीमारी ठीक हो जाती थी। अंग्रेजी शासकों ने यह फॉर्मूले लंदन भेजा। जिसके बाद चेचक के टीके का आविष्कार हुआ।
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भोपाल के मिंटो हाल में शुभारंभ समारोह के दौरान जन-औषधि केंद्रों के शुभारंभ समारोह में डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, नरेन्द्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, राधा सिंह भी मौजूद रहीं।
MP में 500 से अधिक जन-औषधि केंद्र
मध्य प्रदेश में अभी 500 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हैं। जहां से रोजाना हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीदते हैं। सरकार ने अब सभी जिला अस्पतालों में भी जन औषधि केंद्र स्थापित किए हैं।
जन-औषधि केंद्र के फायदे
- सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी। यह दवाइयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 90% तक सस्ती होती हैं।
- सस्ती दवाओं से लोगों के चिकित्सा खर्चों में बचत होगी। गरीब परिवारों के लिए यह बहुत फायदेमंद साबित होंगी।
- सस्ती और सुलभ दवाओं के जरिए लोग स्वास्थ्य में सुधार ला सकेंगे। शुगर, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में भी इन जन-औषधि केंद्रों की अहम भूमिका होगी।
- जन-औषधि केंद्र से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी, जिससे वह ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम कर जेनेरिक दवाओं को अपनाएंगे।
- रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। प्रत्येक केंद्र के संचालन के लिए फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों की आवश्यक होगी। इससे नए लोगों को रोजगार मिलेगा।