JEE Advanced: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास ने जेईई एडवांस रिजल्ट 2024 जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में कुल 48,248 स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की है, जिसमें 7,964 फीमेल कैंडिडेट्स शामिल हैं। परीक्षा में आईआईटी दिल्ली जोन के वेद लाहोटी ने टॉप किया है। वहीं फीमेल कैंडिडेट्स में आईआईटी बॉम्बे जोन की द्विजा धर्मेश कुमार पटेल फीमेल टॉपर रहीं। इसमें भोपाल के आदित्य राज कौशल ने एआईआर 412 तथा भोपाल के ही कैशव गर्ग ने एआईआर 417 हासिल की है।
होनहार छात्रों ने अपनी-अपनी सफलता के किस्से अपनी जुबा से सुनाए
होनहार छात्रों ने अपनी-अपनी सफलता के किस्से अपनी जुबा से सुनाए। छात्रों के जीवन में जहां पढ़ाई का बोझ है, वहीं ऐसे में प्रत्येक के जीवन में अलग-अलग परिस्थियां भी है। ऐसे में इन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पढ़ाई के दौरान होने वाले स्ट्रेस को दूर किया।
फुटबॉल खेलकर दूर भगाया पढ़ाई का स्ट्रेस
जेईई एडवांस के रिजल्ट में 412 रैंक हासिल करने वाले आदित्य राज कौशल ने कहा कि मैं फिक्स पैटर्न में पढ़ाई नहीं करता था। एक- एक सब्जेक्ट को कई बार सप्ताह भर पढ़ते थे। उन्होंने बताया कि दो साल में रोजाना एवरेज करीब 5 घंटे पढ़ाई की होगी। साथ ही जब पढ़ाई के दौरान स्ट्रेस होता था तो उसे फुटबॉल खेलकर दूर भगाया। आदित्य ने बताया मेरे पिता अजय कौशल इंजीनियर है। मां आरती कौशल प्रोफेसर हैं। मैं मानता हूं कि अपको सलाह सब देंगे. मगर आपको उसे अपने ऊपर लागू करना है, तो खुद से सवाल पूछे कि आपके लिए क्या बेहतर है और क्या नहीं। सफलता का फॉमूर्ला यही था कि हमेशा चिल रहो। खूब मस्ती और एंजॉय करो।
स्ट्रैस दूर करने के लिए सुनता था म्यूजिक
कैलव गर्ग ने एग्जाम और उसकी तैयारी को लेकर कहा, मेरा यह पहला अटेंप्ट था। पेपर भी आसन था, इसे मैं कभी मुश्किल नहीं कहूंगा। मेरा पढ़ाई करने का तरीका थोडा अलग है। सुबह 4 बजे उठकर आठ बजे तक पढ़ाई करता था, फिर क्लास जाता था। वहां से लौटकर कुछ देर सोता और फिर पढ़ाई करता था। सच कहूं तो हमेशा अपनी गलतियों पर काम करता था। इस तरह से अपने आपको मोटिवेट भी किया। कई बार स्ट्रैस भी होता था, मगर में स्ट्रैस को दूर करने के लिए थोड़ा बहुत म्यूजिक और दोस्तों से बात करता था। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान मैंने पूरी तरह से सोशल मीडिया को बंद रखा।
रोजाना 5-6 घंटे पढ़ाई है सक्सेस मंत्र
एआईआर 766 रैंक प्राप्त शिवेन वाजपेई ने कहा कि मैने रोजाना 5-6 घंटे पढ़ाई की और हमेशा फोकस के सब पढ़ता था शिवेन ने कहा कि मुझे शुरू में मेथ्स टफ लगता था. लेकिन फिर मैंने प्रेक्टिस करके उसे साल्व किया। बाद में मैथ्स में ही अच्छे नंबर आने लगे। इसके अलावा पढ़ाई का स्ट्रेस दूर करने के लिए में दोस्तों से बात करता, पैरेंट्स से बात करता था।
मोबाइल से बनाई दूरी और हमेशा ली नींद पूरी
एआईआर 936 रैंक लाने वाले यश आर्य सक्सेना ने कहा कि यह मेरा पहला अटेम्टट था। उन्होंने कहा कि मैंने टीचर्स के बताए प्लान के अनुसार ही तैयारी की है। पढ़ाई के दौरान डिस्ट्रेक्शन को दूर रखा। खास तौर पर मोबाइल से दूरी बनाई। क्योंकि मोबाइल 12वीं में ही छोड़ दिया था। कहना चाहूंगा कि हमेशा नींद पूरी ली। रात में कभी पढ़ाई नहीं की। जब भी स्ट्रेस होता था. तब ब्रेक लेकर पढ़ाई करता था। इसके अलावा, पेरेंट्स ने भी सपोर्ट किया
अकादमी के टीचर्स के सपोर्ट की वजह से पाई सफलता
ओरज अकादमी के दक्षित सिंह ने कहा कि मैंने एग्जाम के समय 13- 14 घंटे पढ़ाई की है और इसके साथ ही मैं अपने डाउट क्लियर करते हुए चला हूं। उन्होंने कहा कि 11वीं क्लास से जेईई की प्रिपरेशन कर रहा हूं और अकादमी के नीलेश सर और अन्य टीचर्स का मार्गदर्शन हमारे लिए काफी फायदेमंद रहा
दोस्त, शिक्षक और स्वजनों से बातचीत करते रहना बेहद जरूरी
कक्षा 9वीं से जेईई की तैयारी कर रहे राथर्व का एडवांस के लिए पहला प्रयास था। राथर्व ने बताया कि इसके लिए में छुट्टी वाले दिन चार से पांच घंटे और कोचिंग वाले दिन तीन से चार घंटे पढ़ाई करता था। परीक्षा नजदीक आने पर भी चार से पांच घंटे पढ़ाई की। मेरा सफलता का मंत्र यह है कि दोस्त, शिक्षक और स्वजने से बातचीत करते रहिए। इससे कई चीजे सुलझ जाती हैं। मुझे गणित और फिजिक्स सरल लगता है, जबकि केमेस्ट्री में कठिनाई हुई। इसके लिए शिक्षकों से अतिरिक्त मदद ली। मेरी योजना आइआइटी इंदौर से कंप्यूटर साइंस या कानपुर से इलेक्ट्रानिक ब्रांच से बीटेक करने की है। पापा मनोज राठौर मेपकास्ट में वैज्ञानिक हैं, जबकि मां वंजन राठौड़ कालेज में प्राध्यापक है।