MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया व एम्स में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल शनिवार को भी जारी है। इसके चलते डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद की गई हैं, जबकि इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।

45 से अधिक ऑपरेशन नहीं
डॉक्टरों ने नुक्कड़ नाटक और पैदल मार्च के जरिए अपना विरोध जताया। हमीदिया अस्पताल के 250 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। इसके चलते  मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अधिकांश मरीजों को ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पताल में करीब 45 से अधिक ऑपरेशन भी हड़ताल के चलते नहीं हो पा रहे हैं। मरीजों की जांचें प्रभावित हो रही है। 

हमीदिया में रेड कार्ड से एंट्री
बता दें कि कोलकाता में ट्रेजी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद देश में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट पर मामला जोर पकड़ा है। जिसके चलते सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व मरीजों और परिजनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नार कदम उठार जा रहे हैं। हमीदिया और टीबी अस्पताल में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक मरीज के सथ एक अटेंडर ही रह सकेगा। इसी तरह की व्यवस्था एम्स में लागू की गई है। एम्स के भर्ती वार्ड में मरीज के साथ एक ही परिजन को रुकने की अनुमति के साथ कार्ड बजाकर ही एंट्री दी जा रही है।

वैकल्पिक व्यवस्था
एम्स भोपाल में रेसिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के बाद मरीजों को उपचार देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। लेकिन कुछ सेवाएं जरूर प्रमवित हो रही हैं। छोटे-छोटे ऑपरेशन टाले गाए। हालांकि आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं।

ये हैं डॉक्टरों की मांगें
डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता की घटना बेहद दुखद है। हमारी मांग है कि मृतका के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा, घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ा दंड मिले। हम डॉक्टरों के लिए उचित सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी डॉक्टरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की मांग करते हैं।

ओपीडी बंद करने का निर्णय
शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मप्र के डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटना के विरोध में प्रदेश के सभी वरिष्ठ चिकित्सक दोपहर 12 से दो बजे के बीच में ओपीडी में कार्य नहीं किया। पूरे प्रदेश के समी शासकीय चिकित्सकों ने हड़ताल में हिस्सा लिया।