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Mahanaryaman Scindia in Pichhore: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन शनिवार को पिछोर में आयोजित युवा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां प्रधानमंत्री मोदी को हनुमान की तहर बताया।

Mahanaryaman Scindia in Pichhore: लोकसभा के इस चुनाव में सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी मैदान में है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने शनिवार को पिछोर में युवा महा सम्मेलन को  संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रामभक्त हनुमान से करते हुए दादा माधवराव सिंधिया को भी याद किया।  

डेढ़ लाख वोटों से हार गए थे सिंधिया 
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार पांचवी बार उम्मीदवार हैं। पिछला चुनाव सिंधिया तकरीबन डेढ़ लाख वोटों से हार गए थे। इसलिए इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। खुद सिंधिया के अलावा उनकी पत्नी और बेटे भी मोर्चा संभाले हुए हैं। 

हनुमान की तरह संजीवनी लेकर आए मोदी 
पिछोर के युवा सम्मेलन में महाआर्यमन सिंधिया ने कहा, मैं यहां राजनीतिक भाषण नहीं देना चाहता दिल से बात करना चाहता हूं। क्योंकि पूरे विश्व का सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। इस चुनाव में पूरे दुनिया की नज़र है। रामायण के लंका कांड का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी हनुमान की तरह संजीवनी लेकर आए हैं। उनकी आयुष्मान योजना से करोड़ों भारतवासी लाभान्वित हो रहे हैं। हर परिवार को पांच लाख तक का उपचार मुफ्त किया जाता है। 

महाआर्यमान सिंधिया चलाते हैं दो स्टार्टअप
महाआर्यमान ने युवाओं को स्टार्टअप और स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। कहा हमारे प्रधानमंत्री भी यही चाहते हैं कि युवा रोज़गार खोजने वाला नहीं, बल्कि रोज़गार बनाने वाला बने। देश के युवा रोज़गार बना रहे हैं। मैंने भी MP में दो स्टार्टअप खोले हैं। मेरी कम्पनी में 300 लोग काम करते हैं। महाआर्यमान ने किराना वालों के लिए माई मंडी नाम से एक कम्पनी स्थापित की है। बताया कि Uk-us के मेरे दोस्त भी भारत में कम्पनी खोलना चाहते हैं। टेस्ला-ऐपल जैसी बड़ी कंपनियां भारत में उत्पादन करना चाहती हैं।  

दादा माधवराव को किया याद 
महाआर्यमन सिंधिया ने माधवराव सिंधिया को याद करते हुए कहा, मैं हैरान हूं कि 21 साल बाद भी लोग उनका नाम लेकर रोने लगते हैं। लोगों के दिलों में उन्होंने कैसे इतनी जगह बनाई होगी। कितना काम किया होगा। मेरे पिता भी उसी राह पर चल रहे हैं। अर्जुन की तरह उनका निशाना क्षेत्र के विकास और प्रगति पर रहता है। वह केवल प्रगति के निशाने पर तीर मारते हैं। 

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