Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अरेरा हिल्स स्थित शौर्य स्मारक पहुंचे। सीएम ने पुष्पचक्र अर्पित कर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, और उनके पराक्रम को याद किया। इस मौके पर सीएम डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक को भारतीय थल सेना के सौजन्य से वॉर ट्रॉफी के रूप में प्राप्त दो टी-55 टैंक का लोकार्पण किया। आमजन इस टैंक को अब देख सकेंगे।
NCC केडेट्स ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
CM मोहन यादव ने द्रोणाचार्य सभागार पहुंचे, जहां उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। शौर्य स्मारक में एनसीसी कैडेट्स ने सीएम को गार्ड्स ऑफ ऑनर दिया। बता दें, देश में आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई। यह विशेष दिवस भारतीय सेना के उन जांबाजों को समर्पित है, जिन्होंने बेहद बिषम परिस्थितियों में तमाम चुनौतियों को पार करते हुए 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़ कर दुर्गम चोटियों पर पुन: भारत का तिरंगा फहराया था।
पराक्रम भारत की पहचान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और एनसीसी को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल विजय से हमारी सेना ने एक नया इतिहास रचा। पराक्रम भारत की पहचान रही है। दुश्मन हमारे देश में विभिन्न कारणों और तरीकों से नष्ट- भ्रष्ट करने के उद्देश्य से आते हैं, लेकिन हमारे शौर्य के आगे वे टिक नहीं पाते। मिस्र और रोम जैसी पुरानी सभ्यताएं खत्म हो गईं। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई। आज भारत शत्रु के दुस्साहस का उत्तर उसके घर में घुसकर दे सकता है।
इस अवसर में संस्कृति मंत्री राज्य (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, जनरल ऑफिसर कमांडिंग सुदर्शन चक्र कोर, प्रीतपाल सिंह, एनसीसी एमपी सीजी के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अजय कुमार सहित अनेक सैन्य और वरिष्ठ एनसीसी अधिकारी उपस्थित रहे।