Khajuraho Dance Festival 2024: मध्यप्रदेश के छतरपुर में खजुराहो नृत्य महोत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग और पुरातत्व विभाग की साझेदारी में आयोजित होने वाले इस समारोह में पूरे देश से आए कई प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने पहुंच रही हैं। एक सप्ताह तक चलने वाले इस महोत्सव की विशिष्टताओं पर एक नजर।

एक सप्ताह चलेगा आयोजन
हर साल की तरह इस वर्ष भी 20 से 26 फरवरी यानी पूरे एक सप्ताह तक चलने वाले देश-विदेश में मशहूर ‘खजुराहो नृत्य समारोह’ का आयोजन मध्य प्रदेश कला परिषद द्वारा किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिर के विस्तारित प्रांगण में किया जा रहा है। चंदेलकालीन कंदारिया महादेव मंदिर और देवी जगदंबा मंदिर के बीच स्थित प्रांगण पर इस नृत्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 

कथक कुंभ में रचा विश्व रिकॉर्ड
यूनेस्को की इस विश्व धरोहर को देखने आने वाले पर्यटक टिकट खरीदकर उत्सव का आनंद ले सकते हैं। भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर आयोजित किसी भी नृत्य समारोह के मुकाबले खजुराहो नृत्य महोत्सव बेहद अनूठा और शानदार अनुभव देता है। इस साल इसका खास महत्व है, क्योंकि यह साल इस आयोजन का स्वर्ण जयंती वर्ष है। इस मौके पर 1,500 से ज्यादा नर्तक कथक कुंभ का विश्व रिकॉर्ड रचेंगे। खजुराहो नृत्य महोत्सव वास्तव में भारतीय कला, शिल्प, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत मेल है। इस महोत्सव में ना सिर्फ भारत के बल्कि पूरी दुनिया के जाने-माने कलाकार और नृत्य रसिक शिरकत करते हैं। यह नृत्य महोत्सव दुनिया भर के कलाप्रेमी पर्यटकों के बीच भी एक प्रमुख आकर्षण के रूप में जाना जाता है।

महोत्सव का उद्देश्य 
सप्ताह भर चलने वाले खजुराहो नृत्य महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों, जैसे-कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहनीअट्टम और कथकली आदि को बढ़ावा देना है। प्रस्तर यानी पत्थर से निर्मित मूर्तियों के नेपथ्य में वसंत ऋतु में संपन्न होने वाला यह महोत्सव अद्भुत समां बांधता है। गुलाबी सर्दियों में, खुले आसमान के नीचे देश-विदेश के पारखी और रसिक दर्शकों के बीच अपनी कला में डूबे कलाकार यहां प्रस्तुति देते हुए अपनी कला का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को तत्पर रहते हैं।

इस बार होगा स्वर्णजयंती समारोह
नृत्य की गरिमा और शास्त्रीयता को समर्पित यह उत्सव अब अपने 50वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। यानी इस बार इस महोत्सव का स्वर्णजयंती समारोह आयोजित होगा। इसकी शुरुआत वर्ष 1975 में हुई थी, तब से आज तक मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाली उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा निरंतर इसका सफल आयोजन किया जा रहा है।

शास्त्रीय नृत्यों का होगा प्रदर्शन
भारतीय संस्कृति में नृत्य मात्र एक प्रस्तुति भर नहीं है, यह गहन चिंतन को साकार करने वाला योग है। खजुराहो नृत्य समारोह को शुरू करने का उद्देश्य मात्र शास्त्रीय नृत्य शैलियों का संरक्षण ही नहीं था, बल्कि नृत्य के माध्यम से कला के रसिकों को चरमोत्कर्ष की अनुभूति प्रदान कराना भी रहा है। यही वजह है कि शुरू से लेकर आज तक यह नृत्य समारोह खजुराहो के सुप्रसिद्ध मंदिरों के प्रांगण में ही आयोजित होता है। 

खजुराहो नृत्य समारोह में अब तक भारत की सभी प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे- भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक, मोहिनीअट्टम, कुचिपुड़ी, कथकली, यक्षगान, मणिपुरी आदि के युवा और वरिष्ठ कलाकार अपनी कला की आभा बिखेर चुके हैं। इस समारोह के माध्यम से नृत्य में शास्त्रीयता की गरिमा बनाए रखने के साथ-साथ नवाचार करने का प्रयास भी किया जाता रहा है। यह महोत्सव नृत्य के साथ दूसरी कलाओं के विभिन्न आयामों पर भी खुल कर चर्चा एवं विचार करने का अवसर प्रदान करता है।

इस बार क्या होगा खास
खजुराहो समारोह के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में विभिन्न नृत्यों के अलावा आर्ट मार्ट, हुनर, नेपथ्य, कलावार्ता आदि भी शामिल होंगे। किसी भी कला रसिक के लिए खजुराहो नृत्य समारोह तृप्त करने वाला आयोजन है। इस बार कथक कुंभ में 1,500 से अधिक कलाकार प्रस्तुति देकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। इस दौरान प्रतिष्ठित शास्त्रीय नर्तकों के घुंघरुओं की आलौकिक झंकार गूंजेगी। इस स्वर्ण जयंती महोत्सव के पहले दिन यानी 20 फरवरी 2024 को कथक नृत्य के 1,500 से 2,000 कलाकारों द्वारा सामूहिक नृत्य ‘कथक कुंभ’ प्रस्तुत दी है, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड होगा।

कार्यक्रम में सम्मिलित प्रसिद्ध कलाकार 
खजुराहो नृत्य महोत्सव 2024 के सात दिन के आयोजन में अनेक प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे, जो इस प्रकार होगी- 
20 फरवरी- पद्मश्री रंजना गौहर(ओडिसी), सुधाना शंकर (भरतनाट्यम)
21 फरवरी- शैंकी सिंह (कथक), सयाली खरे (भरतनाट्यम), अरूपा गायत्री पांडा (ओडिसी), मनाली देव (कथक)
22 फरवरी- साक्षी शर्मा (कथक), कस्तूरी पटनायक (ओडिसी), विद्या प्रदीप (मोहिनीअट्टम), पद्मश्री पुरु दाधीच और हर्षिता शर्मा दाधीच (कथक)
23 फरवरी- मौमिता घोष (ओडिसी), पद्मश्री नलिनी-कमलिनी (कथक), मार्गी मधु (कोची कोडियाट्टम), सुचित्रा हरमलकर (कथक), रोशाली राजकुमार (मणिपुरी)
24 फरवरी-पंचानन भुइयां (ओडिसी), अमीरा पाटणकर(कथक), राजश्री होल्ला-रेखा सतीश (कुचीपुड़ी), अनु सिन्हा(कथक)
25 फरवरी- प्रेरणा देशपांडे(कथक), पंडित राजेंद्र गंगानी (कथक), नव्या नटराजन (भरतनाट्यम), निधि नगर (कथक)
26 फरवरी- डांस ड्रामा मीरा (डायरेक्शन पद्मभूषण सोनल मान सिंह) राजश्री वारियर(भरतनाट्यम), यास्मीन सिंह(कथक), कृपा फड़के(भरतनाट्यम), अनुराधा सिंह(कथक)

धीरज बसाक