भोपाल। खजुराहो नृत्य महोत्सव-2024 कल से शुरू हो रहा है। 26 फरवरी तक चलने वाले महोत्सव का शुभारंभ मंगलवार को सीएम मोहन यादव करेंगे। खजुराहो की धरती पर सभी प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक, मोहिनीअट्टम में प्रसिद्ध कलाकार शास्त्रीय नृत्यों के समृद्ध सांस्कृतिक रूप को प्रस्तुत करेंगे। नृत्य महोत्सव के 50वें संस्करण को ऐतिहासिक बनाने के लिए पहले दिन 1500 से 1800 कलाकार सामूहिक कथक की प्रस्तुति देकर विश्व रिकॉर्ड के लिए दावा पेश करेंगे। इससे पहले ग्वालियर के तानसेन महोत्सव में प्रदेश के नाम ये उपलब्धि दर्ज हो चुकी है। स्वर्ण जयंती वर्ष को अविस्मरणीय बनाने हो रहे भव्य समारोह में हर दिन कला रसिक दिव्य अनुभूति पाएंगे।
रंजना गौहर की मनमोहक कथक प्रस्तुति से होगी समारोह की शुरुआत
संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी, पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में महोत्सव हो रहा है। पहले दिन पद्मश्री रंजना गौहर की मनमोहक कथक प्रस्तुति के साथ समारोह की शुरुआत होगी। साथ ही दिल्ली की सुधाना शंकर के भरतनाट्यम नृत्य की ओजस्वी प्रस्तुति मंदिर की शिलाओं को सजीव कर उठेगी।
दूसरे दिन ये कलाकार देंगे प्रस्तुति
दूसरे दिन शेंकी सिंह कथक, पुणे की कलावर्धिनी नृत्य कंपनी की सयाली काने द्वारा भरतनाट्यम समूह नृत्य, भुवनेश्वर की अरूपा गायत्री पांडा द्वारा ओडिसी और श्री गणेश नृत्य कला मंदिर मुंबई की मनाली देव द्वारा कथक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
सोनल मानसिंह के नाट्य कथा 'मीरा' पर होगा समाप्त
तीसरा दिन पद्म श्री पुरु दाधीच, हर्षिता धाधीच और समूह के कथक समूह नृत्य के नाम रहेगा। साथ ही साक्षी शर्मा द्वारा कथक, दिल्ली की कस्तूरी पटनायक द्वारा ओडिसी समूह नृत्य और केरल के विद्या प्रदीप द्वारा मोहिनी-अट्टम की प्रस्तुति दी जाएगी। 26 फरवरी को पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह के नाट्य कथा 'मीरा' पर महोत्सव का समाप्त होगा।
नृत्य शैलियों और कला यात्रा को समझने यह प्रयास होंगे
समारोह में भारतीय नृत्य शैलियों और कला यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए नेपथ्य सहित विभिन्न गतिविधियां, कलावार्ता में कलाकारों के बीच संवाद, हुनर में देशज ज्ञान और कला परंपरा का मेला, वरिष्ठ चित्रकार शंकर शिंदे के कला अवदान पर आधारित चित्र प्रदर्शनी प्रणति, समष्टि में टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कार्यशाला, वर्तनी में अंतर्राष्ट्रीय छापाकला, लयशाला में उत्सव के दौरान महान गुरुओं के साथ शिष्यों का संगम और कार्यशाला होगी।
10 हजार फीट ऊंचाई से खजुराहो की विरासत को निहार सकेंगे
पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण के रूप में स्काई डाइविंग फेस्टिवल का आयोजन 20 से 25 फरवरी तक किया जाएगा। यहां साहसिक प्रेमी 10 हजार फीट की ऊंचाई से खजुराहो के पुरातात्विक उत्कृष्टता के विरासत प्रतीकों को निहार सकेंगे। साथ ही कैंपिंग, विलेज टूर, वॉक विद पारधी, ई-बाइक टूर, सेगवे टूर और वॉटर Sports भी पर्यटकों को नया अनुभव देने के लिए तैयार होंगे।
1975 में शुरू हुआ था महोत्सव
बता दें कि खजुराहो नृत्य महोत्सव 1975 में शुरू हुआ था। स्वर्ण जयंती वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए आगंतुक भव्य समारोह में प्रत्येक कदम के साथ संस्कृति और दिव्यता की लय का अनुभव करेंगे। इस उपलब्धि को खास और यादगार बनाने के लिए संस्कृति विभाग की ओर से कथक कुंभ का आयोजन किया जा रहा है।