Sampada 2.0 software: मध्य प्रदेश में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी सरल और पारदर्शी होने वाली है। संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद हर प्रॉपर्टी को यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर (UPIN) मिलेगा, जो आधार की तरह काम करेगा। इसके लिए 4 करोड़ खसरों को लगभग 10 करोड़ प्रॉपर्टी नंबरों से लिंक कराया गया है। जिससे हर प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग भी हो जाएगी।
गाइडलाइन के लिए नहीं होगी परेशानी
संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर में कुछ नई सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं। एप में प्रॉपर्टी की लोकेशन डालते ही वहां कलेक्टर गाइडलाइन पता चल जाएगी। रजिस्ट्री कराने में गवाह नहीं लाने होंगे। आधार नंबर से ही यह काम हो जाएगा। संपदा-2.0 से ऑनलाइन नामांतरण स्वचालित हो जाएगी। फर्जीवाड़े की आशंका भी न के बराबर है।
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ई-केवायसी और आधार से पहचान
संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर में ई-रजिस्ट्री के साथ स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी डीड भी जनरेट की जा सकेगी। इस सॉफ्टवेयर से सभी संबंधित विभाग लिंक हैं। लिहाजा, रजिस्ट्री के बाद नामांतरण स्वत: हो जाएगी। जमीन खरीदने और बेचने वाले की पहचान आसानी से हो सके, इसलिए उनके आधार, पैन, पासपोर्ट नंबर और ई-केवायसी नंबर लिंक किए जाते हैं। कंपनियों और फर्मों के लिए उनकी कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर, जीएसटी नंबर और पैन नंबर संपदा सॉफ्टवेयर से लिंक हैं।
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बढ़ेगी आय, भ्रष्टाचार पर लगाम
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाकर राज्य सरकार ने नया मुकाम हासिल किया है। इससे प्रदेशवासियों को सुविधा होगी ही, भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। जिससे सरकार के राजस्व आय में इजाफा होगा।