CRPF Constable Kabir Das martyred: जम्मू-कश्मीर के कठुआ आतंकी हमले में छिंदवाड़ा के जवान कबीर दास उईके शहीद हुए। कबीर की पार्थिव देह गुरुवार सुबह छिंदवाड़ा लाई गई। उनके पैतृक गांव पुलपुलडोह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें गॉड ऑफ ऑनर दिया। मध्य प्रदेश सरकार की पीएचई मंत्री संपतिया उईके, सांसद विवेक साहू बंटी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अफसरों ने अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
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जम्मू-कश्मीर के कठुआ आतंकी हमले में छिंदवाड़ा के शहीद जवान कबीर दास उईके का अंतिम संस्कार पैतृक गांव पुलपुलडोह में राजकीय सम्मान के साथ हुआ। इस दौरान गॉड ऑफ ऑनर देते सीआरपीएफ जवान pic.twitter.com/mQSuKQmjlJ
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#WATCH | The mortal remains of CRPF jawan Kabir Das Uikey, who lost his life in action during anti-terror operation in J&K's Kathua, have been brought to his residence in Madhya Pradesh's Chhindwara. CRPF DIG Neetu Singh met and consoled his family at his residence today. pic.twitter.com/t7rYXNhFf6
— ANI (@ANI) June 13, 2024
मां से जल्दी घर लौटने का किया था वादा
सीआरपीएफ जवान कबीर दास उइके के परिवार और रिश्तेदार उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। शहीद जवान की मां इंद्रावती उइके ने कहा कि घटना से पहले उसने दोपहर करीब 2 बजे मुझसे बात की थी। उसे जल्द ही घर लौटना था।
#WATCH | CRPF jawan Kabir Das Uikey's mother, Indravati Uikey says, "Before the incident, he spoke to me around 2 pm. He was supposed to return home on soon." pic.twitter.com/O5k04CwAVx
— ANI (@ANI) June 13, 2024
गोली लगने से घायल हुए थे कबीर
बता दें कि मंगलवार रात 8 बजे जम्मू-कश्मीर के कठुआ के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में आतंकी हमला हुआ था। सीआरपीएफ के Constable कबीर दास गोली लगने से घायल हुए थे। बुधवार सुबह इलाज के दौरान कबीर ने अंतिम सांस ली थी। बता दें कि शहीद हुए कबीर चार भाई-बहन में सबसे बड़े थे। कबीर के शहीद होने की खबर सुनकर सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
2011 में जॉइन की थी सीआरपीएफ
जानकारी के मुताबिक, 35 साल के कबीर दास उईके छिंदवाड़ा की बिछुआ तहसील के पुलपुलडोह के रहने वाले थे। 2011 में उन्होंने सीआरपीएफ जॉइन की थी। 4 साल पहले उनकी शादी हुई थी। परिवार में मां इंदरवति उईके, पत्नी ममता उईके और दो भाई हैं। दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता का निधन हो चुका है। 8 दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी के बाद वे ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी पोस्टिंग भोपाल में होने वाली थी। कबीर की सैलरी पर पूरा परिवार आश्रित रहता था।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ आतंकी हमले में छिंदवाड़ा के शहीद जवान कबीर दास उईके का अंतिम संस्कार पैतृक गांव पुलपुलडोह में राजकीय सम्मान के साथ हुआ। इस दौरान शहीद की पत्नी को हिम्मत देतीं पीएचई मंत्री सम्पतिया उइके pic.twitter.com/s63snHGIs3
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