MP Tiger Reserve: जंगल की सैर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। टाइगर प्रदेश कहलाने वाले मध्य प्रदेश में एक बार फिर बाघों का दीदार कराने का वक्त आ गया है। एमपी के सभी 6 टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क के कोर इलाके 1 अक्टूबर से खुल गए हैं। पर्यटकों के स्वागत के लिए सभी नेशनल पार्क तैयार हैं। सैलानी अब टाइगर, तेंदुआ, बारहसिंगा, गौर, भालू आदि जंगली जानवरों के दीदार के साथ प्राकृतिक सौंदर्य भी देख पाएंगे। कोर इलाकों में घूमने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करनी पड़ेगी। ऑनलाइन बुकिंग कैसे होगी? घूमने में कितना होगा खर्च? जानें सबकुछ। 

10 अक्टूबर तक बुकिंग फुल
टाइगर रिजर्व में घूमने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है। एक अक्टूबर से पार्क खुलने के बाद दशहरा और दिवाली की छुट्टियों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि 10 अक्टूबर तक सभी 6 टाइगर रिजर्व की बुकिंग हो चुकी है, लेकिन दिवाली के आसपास की बुकिंग अभी खाली है। ऐसे में पर्यटक इस दौरान भी छुट्टियों का लुत्फ उठा सकेंगे।

मानसून सीजन में रहते हैं बंद
एमपी में कान्हा, पन्ना, पेंच, बांधवगढ़, संजय डुबरी और STR (सतपुड़ा टाइगर रिजर्व) टाइगर रिजर्व हैं। कहीं 100 से ज्यादा टाइगर हैं तो कहीं ब्लैक पैंथर, हाथी जैसे जानवर। जुलाई, अगस्त और सितंबर में इन जानवरों को बफर जोन में ही देखा जा रहा था। बारिश की वजह से कोर इलाके बंद कर दिए गए थे। इन्हें भी 1 अक्टूबर से खोल दिया गया है। इसके बाद बफर के साथ कोर जोन में भी टूरिस्ट घूमने निकले।

ऐसे करें बुकिंग, इतना होगा खर्च 
जब आप Google पर www.mponline.gov.in पोर्टल खोजते हैं और 'राष्ट्रीय उद्यान' के प्रतीक पर क्लिक करते हैं, तो ऑनलाइन बुकिंग की साइड खुल जाएगी। यहां आप दिन के हिसाब से बुकिंग कर सकते हैं। राष्ट्रीय उद्यान में अलग-अलग श्रेणी के लिए किराया अलग-अलग है। टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्रों में 6 लोगों के लिए परमिट की लागत 2400 रुपए है, जो प्रति व्यक्ति 400 रुपए बनता है। बफर क्षेत्र के वाहन सफारी के लिए यह 1200 रुपए है। यानी प्रति व्यक्ति 200 रुपए। प्रीमियम दिनों में शुल्क में 600 रुपए तक की वृद्धि हो सकती है। कुछ राष्ट्रीय उद्यानों में कीमतों में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।

एमपी में 785 बाघ 
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के रूप में जाना जाता है। 2022 की गणना में 785 बाघ पाए गए। 2018 में यह संख्या 526 थी। यह मध्य प्रदेश का तीसरा मौका है जब इसे टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है; पहला बार 2006 में इसे यह मान्यता मिली थी। इसके बाद, 2018 और 2022 में यह लगातार दो बार इस स्थिति को बनाए रखने में सफल रहा।

जानें किस पार्क की क्या है स्थिति 
एमपी का सबसे बड़ा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम जिले में है। यहां कोर जोन की सभी सीटें फुल हो गई हैं। सिवनी जिले का पेंच नेशनल पार्क 3 अक्टूबर तक फुल हो चुका है।  मंडला का कान्हा नेशनल पार्क 4 अक्टूबर तक बुक हो चुका है। उमरिया का बांधवगढ़ नेशनल पार्क में व्हीकल घूमने के लिए सभी सीटें फुल हो गई हैं। संजय डुबरी नेशनल पार्क के कोर जोन डुबरी में 1, 2 और 3 अक्टूबर की सभी सीटें फुल है। पन्ना नेशनल पार्क में 5 अक्टूबर के बाद ही घूम सकेंगे।