भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बिहार पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम के मुताबिक, मोहन यादव पांच घंटे पटना में बिताएंगे। गुरुवार शाम 4:30 बजे भोपाल के लिए रवाना होंगे। पटना एयरपोर्ट से मोहन यादव सीधे श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल जाएंगे। श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में उनका अभिनंदन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के बाद मोहन यादव बीजेपी ऑफिस पहुंचेंगे, जहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सीएम मोहन के स्वागत में पटना को पोस्टर से पाट दिया गया है। बीजेपी कार्यालय से लेकर बेली रोड और गांधी मैदान के इलाके में हर तरफ तोरण द्वार बनाए गए हैं। शहर के अलग-अलग इलाकों में बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं।
जानें क्या बड़ा मैसेज देना चाहती है बीजेपी
जानकार कह रहे हैं कि लालू यादव के गढ़ में यादव समाज के वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा बिहार में प्रयास कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन भी यादव समाज से आते हैं और बतौर मुख्यमंत्री प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक बड़ा मैसेज पार्टी की ओर से जाएगा कि भाजपा में भी यादव समाज को आगे बढ़ाया जा रहा है। मोहन यादव बिहार में यादव वोट बैंक को साधेंगे।
सीएम मोहन का कार्यक्रम: लोकसभा चुनाव की रणनीति पर करेंगे चर्चा
बता दें कि सबसे पहले सबसे पहले सीएम मोहन यादव पटना एयरपोर्ट स्थित स्टेट हैंगर पहुंचेंगे। यहां बिहार के बीजेपी कार्यक्रर्ता मोहन का स्वागत करेंगे। इसके बाद श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में विशिष्ट लोगों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। दो बजे 2 बजे सीएम मोहन यादव संबोधित करेंगे। इसके बाद सीएम मोहन यादव वीरचंद पटेल मार्ग स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। जहां बीजेपी सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के अलावा प्रदेश पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठक करेंगे। लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करके साथ रणनीति बनाएंगे। बैठक के बाद सीएम मोहन यादव 4:20 बजे दर्शन और पूजन करने पटना के इस्कॉन मंदिर जाएंगे।
बिहार में यादवों की भागीदारी 14 फीसदी
मोहन यादव के बिहार दौरे के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। यादव वोट के गणित से जोड़ा जा रहा है। जानकार कहते हैं कि पटना में मोहन यादव को बुलाकर, उनका सम्मान समारोह कर बीजेपी यादव मतदाताओं को संदेश देना चाहती है। इसे लोकसभा चुनाव से पहले यादव मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए बीजेपी के रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। बता दें कि बिहार की आबादी में यादवों की भागीदारी 14 फीसदी है। बिहार में यादव परंपरागत रूप से लालू यादव के सपोर्टर माने जाते हैं। बीजेपी लंबे समय से यादव वोट में सेंध लगाने की रणनीति पर काम करती रही है लेकिन इसमें कुछ खास सफलता हाथ लगी नहीं। अब बीजेपी की रणनीति अपने यादव सीएम का चेहरा आगे कर यादव वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।