Harda Factory Blast: भोपाल। फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को हरदा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने विस्फोट में घायल लोगों से मुलाकात की। उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद कहा कि इस मामले में ऐसी कार्रवाई करेंगे कि लोग याद रखेंगे। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके इस बयान के बाद जिले में पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार कंचन को उनके पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है। 

मध्यप्रदेश के अपर सचिव ने आदेश जारी किया है। जिसमें एसपी संजीव कुमार कंचन को हरदा एसपी से हटाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ कर दिया है।

घायलों को हरसंभव इलाज करवाने का भरोसा
डॉ यादव हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे, जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। इसके बाद वे यहां अस्पताल पहुंचे, जहां घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने घायलों का हालचाल जानने के बाद डॉक्टर्स को जरूरी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने घायलों को भरोसा दिलाया कि उनका बेहतर इलाज करवाया जाएगा और उनके हितों का भी ध्यान रखा जाएगा।

पटाखा निर्माण इकाइयों करें नियमों का पालन
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में नियमों को ताक पर रखकर पटाखा निर्माण इकाईयों को संचालित करने की गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। साथ ही  शराब के अवैध कारोबार को रोकने, कोलाहल नियंत्रण संबंधी कानूनों के उल्लंघन को रोकने और खुले स्थान में नियम विरूद्ध तरीके से मांस की बिक्री पर नियंत्रण के लिए प्रशासनिक अमला सक्रिय और सजग होकर कार्यवाही करे।

सभी कलेक्टर्स के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
इससे पहले डॉ यादव ने वीडियो कांफ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स से कहा कि कुछ जगहों से शराब की गैरकानूनी ढंग से बिक्री और व्यापार की खबरें सामने आ रही हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। साथ ही नाबालिग बच्चों को भी नशे की लत लगाने के दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही की जाए।

ध्वनी प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए उठाएं कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित मापदण्ड से अधिक आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित है। विद्यार्थियों की परीक्षाओं का समय है। इस नाते हम सभी को संवेदनशील होकर इस संबंध में दायित्व निर्वहन करना है।

कलेक्टर्स को दिए नकल रोकने के निर्देश
डॉ यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि परीक्षाओं में नकल की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए भी प्रभावी व्यवस्था लागू करें। शहरों और ग्रामों में मांस विक्रय का व्यवसाय करने वाले नियमों के विरूद्ध कार्य न करें। इसके लिए पूर्व में भी निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि नियम पूर्वक व्यवसाय का संचालन होता रहे। जन स्वास्थ्य की दृष्टि से समय-समय पर ऐसी दुकानों का निरीक्षण किया जाए।

हरदा में मंगलवार को हुआ था विस्फोट
बता दें कि हरदा में मंगलवार को हुए पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में 11 लोगों की मौत हुई है। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। मौके पर रह-रहकर चिंगारियां उठ रही हैं। जेसीबी जैसे ही किसी मलबे को हटाती है, वहां से धुएं का गुबार उठता है। चिंगारियां निकलती हैं। जिस बेसमेंट में बारूद रखा था और मजदूर काम कर रहे थे, उसका मलबा हटाया जा रहा है। इसके लिए वाराणसी से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की 35 सदस्यों की टीम आई है। फैक्ट्री से मलबा हटाने का काम रातभर चलता रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हालात का जायजा लेने बुधवार को हरदा जाएंगे। 

LIVE UPDATE: 

लोगों ने कहा-खाने-पीने तक की व्यवस्था नहीं हुई, बच्चे भूख से तड़प रहे, देखें वीडियो 

  • जीतू पटवारी पहुंचे हरदा। कहा-मुख्यमंत्री बोले हैं दोषियों पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो याद रहे। किसी को नहीं छोड़ेंगे। जीतू ने एक्स पर लिखा है कि मोहन यादव जी आपकी सुविधा के लिए पब्लिक डोमेन में आई कुछ गड़बड़ियां साझा कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि निष्पक्ष जांच में इन्हें भी पूरी ईमानदारी से, एक बार फिर…।

घायलों से पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने की बातचीत 

  • आरोपी राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान उर्फ मन्नी पटेल को सीजीएम कोर्ट ने जेल भेज दिया है।
  • 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। 
  • घायलों ने बताया-हादसे के समय फैक्ट्री में 20-25 बच्चे भी थे। 
  • मुख्यमंत्री मोहन यादव हालात का जायजा लेने हरदा जाएंगे।  
  • घायलों ने बताया दीवार फोड़कर आग लोगों के घरों में पहुंच गई।
  • बुजुर्ग महिला ने बेटा और बहू को खो दिया। 

घायलों की जुबानी: फैक्ट्री के अंदर कितने लोग थे, अलग-अलग हॉल में काम कर रहे थे

पटाखे गोदाम के हाल...पटाखे बच गए नहीं तो और धामाका होता

  • फैक्ट्री से 10 मीटर दूर पटाखे की गोदाम। धमाके में इमारत को तो नुकसान। बड़ी संख्या में रखा बारूद बच गए। 

अब तक 300 से ज्यादा वाहन आ चुके
इस भीषण हादसे में 204 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। 51 गंभीर घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम में इलाज चल रहा है। बुधवार को भी पोकलेन मशीन मलबा हटाने में जुटी हैं। मलबे के नीचे बड़ी मात्रा में बारूद और पटाखें हैं। इस कारण लगातार धुआं उठ रहा है। पटाखे अभी भी फूट रहे हैं। आग को शांत करने के लिए दमकलों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। आस-पास जिलों से लगातार दमकल वाहन पहुंच रहे हैं। अब तक 300 से ज्यादा दमकल वाहन आ चुके हैं।

वाराणसी की NDRF टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी
रेस्क्यू टीम के मुताबिक रात में किसी का शव या कोई घायल व्यक्ति नहीं मिला। अभी पुलिस के पास किसी शख्स की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं की गई है। हादसे में फैक्ट्री के आसपास बने 60 घर जल गए। वाराणसी स्थित हेडक्वार्टर से एनडीआरएफ की 35 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह हरदा पहुंची। फैक्ट्री में जहां तलघर में बारूद और कर्मचारी मौजूद थे, उस तलघर से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ है।

NGT ने कहा-फैक्ट्री मालिक मृतकों के परिजनों को दें 15-15 लाख 
हरदा ब्लास्ट पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT)ने संज्ञान लिया। NGT ने आदेश जारी कर कहा कि मृतकों के परिजन को 15 लाख, जलने और गंभीर चोट पर 5 लाख और सामान्य चोट पर 3 लाख रुपए दिए जाएं। घर जलने पर 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति और जिनके घर खाली कराए गए उन्हें 2 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। पूरा राशि फैक्ट्री मालिक द्वारा जमा कराई जाए। यह राशि जिला पर्यावरण मुआवजा निधि के खाते में जमा करानी होगी।

जानें: फैक्ट्री और उसके मालिक के बारे में A टू  Z जानकारी 

  • 2015 में पहली बार फैक्ट्री में धमाका हुआ था, 2 लोगों की मौत हुई थी।  
  • 2021 में फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और फैक्ट्री के लिए लीज पर जमीन देने वाले दिनेश शर्मा को 10-10 साल हुई थी।
  • 2017 और 2022 में भी हादसे हुए थे। इस हादसे से पहले भी 10-12 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता।
  • जिस बिल्डिंग में पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। ग्राउंड के अलावा दो फ्लोर थे। इसे पहले सील किया था। 2023 में GST ने भी छापेमारी की थी।  
  • सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजेश अग्रवाल ने 2009 तक पटाखे की छोटी सी दुकान चलाई। इसके बाद पटाखे बनाने का काम शुरू किया। एक-एक कर 5 फैक्ट्रियां खड़ी कर लीं।  
  • 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी पटाखा बनाने का काम करते थे।