भोपाल। मध्यप्रदेश में आज मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हो सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह औ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में ही रात्रि विश्राम किया था। कोहरे के कारण उनका विमान उड़ान नहीं भर सका। इसके चलते सीएम मोहन शनिवार सुबह दिल्ली से भोपाल लौटे। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री मोहन जल्द ही मंत्रियों को विभाग का बंटवारा कर सकते हैं।
खंडवा पहुंचे सीएम...सिंगाजी महाराज के समाधि स्थल पर की पूजा-अर्चना
शाम को सीएम मोहन खंडवा पहुंचे। यहां संत सिंगाजी महाराज के समाधि स्थल पर पूजा-अर्चना कर सभी प्रदेशवासियों के कल्याण और मंगल की कामना की। साथ ही पुण्य सलिला मां नर्मदा की आरती कर सभी नागरिकों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
शाह को सीएम ने किया आमंत्रित
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक,भोपाल लौटने के बाद सीएम मोहन कभी भी मंत्रियों के विभाग बंटवारे का ऐलान कर सकते हैं। विभागों के बंटवारे के साथ ही उज्जैन में मंत्रिमंडल की बैठक होने की भी संभावना है। बता दें कि दिल्ली में सीएम मोहन ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शाह को मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2024 को साइबर तहसील व्यवस्था के लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया।
कांग्रेस ने मोहन सरकार पर कसा तंज...
'गृह विभाग को लेकर सबकी लार लटक रही'
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर शुक्रवार शाम को एक पोस्ट डाली थी। उमंग ने एक्स पर लिखा है कि जो कहा था वो सही निकला कि नहीं? अब मोहन यादव मंत्रियों के विभागों की लिस्ट लेने दिल्ली गए हैं। क्योंकि सब वहीं से तय होता है। गृह विभाग को लेकर सबकी लार लटक रही है। जबकि, सीएम चाहते हैं कि किसी डिप्टी सीएम को गृह विभाग मिले। क्योंकि चाशनी वाले विभाग हर मंत्री की चाहत है। डॉ मोहन यादव नहीं चाहते कि कोई बल्लम नेता गृह विभाग लेकर उनकी छाती पर मूंग दले! इसे मुख्यमंत्री की बेचारगी माना जाना चाहिए कि वे राजा तो बना दिए गए, पर सेनापतियों की कमान उनके हाथ में नहीं है।
'नए नवेले मुख्यमंत्री को कोई अधिकार दिया भी है या नहीं'
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने गुरुवार को भी सोशल मीडिया पर लिखा था कि सीएम के चेयन का फैसला 10 दिन में, मंत्रिमंडल का फैसला 12 दिन में, अब विभागों के बंटवारे में देरी और खींचतान जारी है। उमंग ने आगे लिखा, आखिर प्रदेश के नए नवेले मुख्यमंत्री को कोई अधिकार दिया भी गया है कि नहीं, या सारे फरमान दिल्ली दरबार से जारी हो रहे हैं। डबल इंजन की सरकार में दिल्ली का इंजन ही चलता दिखाई दे रहा है।