मध्य प्रदेश में 34 हजार स्कूल आज बंद: MP बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने क्यों उठाया यह कदम; जानें वजह

मध्य प्रदेश में गुरुवार (30 जनवरी) को एमपी बोर्ड के पहली से आठवीं कक्षा तक के 34 प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। MP बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने क्यों उठाया यह कदम, जानिए वजह।

Updated On 2025-01-30 08:49:00 IST
MP Board schools closed

MP Board schools closed: मध्य प्रदेश बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बड़ा कदम उठाया है। एसोसिएशन ने मान्यता के नियम में रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की शर्त के विरोध में बंद का आह्वान किया है। गुरुवार (30 जनवरी) को एमपी बोर्ड के पहली से आठवीं कक्षा तक के 34 हजार प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित सभी जिलों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होगी। प्रदेश भर के 34 हजार स्कूलों के संचालक गुरुवार को गांधी प्रतिमाओं पर जाकर ज्ञापन सौंपेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि नए नियमों से छोटे और मध्यम स्तर के स्कूलों के संचालन में कठिनाई होगी, इसलिए एसोसिएशन इन शर्तों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

एसोसिएशन की मांगें
एसोसिएशन की मांग है कि 8वीं कक्षा तक के स्कूलों की मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामे की शर्त निरस्त की जाए। पहले की तरह नोटरी किरायानामा लागू किया जाए। मान्यता के लिए 40 हजार रुपए की सुरक्षा निधि लेने पर रोक लगे। शिक्षा का अधिकार (RTE) की राशि समय पर दी जाए। मान्यता शुल्क में की गई वृद्धि को समाप्त किया जाए। 

जानिए नए नियमों में क्या हैं प्रावधान?
मध्य प्रदेश सरकार ने पहली से 8वीं कक्षा तक की मान्यता के नियमों में बदलाव किए हैं। सरकार ने रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य किया है। 40,000 रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट जमा करने का नियम बनाया है। मान्यता शुल्क में वृद्धि  की है। सरकार के नए नियमों का एमपी बोर्ड प्राइवेट ने विरोध किया है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि जो स्कूल पहले से चल रहे हैं, उन्हें इस नियम से बाहर रखा जाए। 

रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट करने में दिक्कत
एसोसिएशन का कहना है कि वे किसी लॉ या सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन रजिस्टर्ड किराया नामा प्रैक्टिकल नहीं है। कई स्कूल किराए की बिल्डिंग में चलते हैं। तीन साल या पांच साल का रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट करने में दिक्कतें आ रही हैं। पहली से आठवीं क्लास तक की मान्यता के नियम में जो रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट की बात की गई है, उस पर दोबारा विचार किया जाए। 

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