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मध्यप्रदेश की शिवपुरी पुलिस ने जिले के 60 मजदूरों को कर्नाटक से छुड़ाया है। डेढ़ माह से मजदूरों को बंधक बनाकर ठेकेदार काम करवा रहा था। पैसे मांगने पर पीटता था। पैरों में जंजीर बांध रखी थी। घर लौटने के बाद मजदूरों ने दर्दनाक दास्तां सुनाई।

भोपाल। पैरों में जंजीर बांध रखी थी। पैसे मांगने पर बेल्ट से पीटते थे। घर जाने की तो उम्मीद ही खो चुके थे। बात-बात पर गाली देते थे। यह दर्द है उन 60 मजदूरों का जिन्हें मध्यप्रदेश पुलिस ने कर्नाटक से रेस्क्यू कर वापस घर पहुंचाया है। घर लौटने के बाद मजदूरों ने पुलिस को अपना दर्द सुनाया। अपनों के बीच आकर मजदूरों के चेहरों पर खुशी तो है, मगर वहां जो दर्द मिला है उसे भूल नहीं पा रहे हैं।  

गन्ने की कटाई के लिए मजदूरों को ले गया था दलाल
दरअसल, डेढ़ माह पहले शिवपुरी जिले के कोलारस, सिरसौद और पोहरी क्षेत्र के 60 मजदूरों को कर्नाटक में गन्ने की कटाई के लिए एक दलाल ले गया था। मजदूरों को बंधक बनाकर उनके मोबाइल भी छीन लिए। कुछ दिन बाद उनका परिवार से संपर्क टूट गया। इसके बाद परिजनों ने एसपी ऑफिस जाकर शिकायत की। पुलिस को पता चला कि ये मजदूर कर्नाटक के कुलबर्गा में है। पुलिस ने वहां की पुलिस से संपर्क किया और उन्हें रेस्क्यू किया। घर लौटे मजदूरों ने अपनी जो व्यथा सुनाई। 

परिजनों ने पुलिस से की थी शिकायत 
शिवपुरी पुलिस ने बताया कि मजदूरों के परिजनों ने शिकायत की थी कि कुछ लोगों को मजदूरी के लिए ठेकेदार कर्नाटक ले गया था। वहां पहुंचने के बाद मजदूरों की खबर मिलनी बंद हो गई थी। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस मजदूरों की लोकेशन पता की। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद ली। इसके बाद मजदूरों को रेस्क्यू करने में सफलता मिली।

SP ने मामले की गंभीरता से लेकर कर्नाटक भेजी टीम
13 जनवरी को मजदूरों के परिजनों ने एक शिकायती आवेदन शिवपुरी एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया को दिया था। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि सुभाषपुरा क्षेत्र का अनिल जाटव नाम का व्यक्ति मजदूरी करवाने के लिए अपने साथ कर्नाटक ले गया था, लेकिन अब हमारे परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल एसपी संजीव मुले और कोलारस एसडीओपी विजय कुमार यादव के मार्गदर्शन पुलिस टीम तैयार कर मजदूरों की तलाश के लिए कर्नाटक रवाना किया। 

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