Madhya Pradesh Women Hockey Academy: मध्यप्रदेश की महिला हॉकी अकादमी नित नई ऊंचाइयों को छू रही है। 19 साल के सफर में अकादमी ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। हॉकी खिलाड़ियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर एमपी के नाम का परचम देश ही नहीं दुनियाभर में फहराया है। 2006-07 में सांगली महाराष्ट्र में खेली गई राष्ट्रीय महिला चैंपियनशिप में हॉकी टीम को पहला पदक जीतने में सफलता मिली थी। यहां कांस्य पदक हासिल करने के बाद टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 19 साल में हॉकी अकादमी टीम राष्ट्रीय स्तर पर 36 स्वर्ण के साथ कुल 78 पदक अपने नाम कर चुकी है। इतना ही नहीं अकादमी की 41 खिलाड़ी अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। 61 हॉकी खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है।

2006 में शुरू हुआ था सफर 
खेल और युवा कल्याण विभाग ने साल 2006 में मध्य प्रदेश महिला हॉकी अकादमी की नींव ग्वालियर में रखी थी। अकादमी की स्थापना के बाद से हॉकी टीम अब तक 125 राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट में भाग ले चुकी है। 36 स्वर्ण, 26 रजत और 14 कांस्य पदक जीते हैं। इस हिसाब से 60 फीसदी टूर्नामेंट में महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर टीम ने जीत हासिल की है।

इन विभागों में नौकरी कर रहीं महिला हॉकी खिलाड़ी 

  • बेहतर प्रदर्शन की दम पर 61 महिला खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है। 61 खिलाड़ियों में से 45 महिला खिलाड़ी ऐसी हैं जिन्हें रेलवे ने नौकरी दी है। बीना रिफाइनरी ने 8 खिलाड़ियों को नौकरी दी है। इनकम टैक्स और सीआरपीएफ में कई खिलाड़ी नौकरी कर रही हैं।
  • 41 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। कई खिलाड़ी भारतीय टीम में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। पी. सुशीला चानू 2016 के रियो ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तान थीं। 

अकादमी खिलाड़ियों को दे रही ये सुविधाएं 
अकादमी के सबसे पहले बैच में 24 हॉकी खिलाड़ियों को रखा था। वर्तमान में महिला हॉकी अकादमी 59 बोर्डिंग और 14 डे-बोर्डिंग स्वीकृत हैं। जिनमें से 49 बोर्डिंग हॉकी खिलाड़ी प्रशिक्षणरत हैं। साथ ही 06 खिलाड़ी बीना एसोसिएट्स में प्रशिक्षण ले रही हैं। बता दें कि महिला हॉकी अकादमी की ओर से खिलाड़ियों को खेल उपकरण, खेल सामग्री, भोजन, स्कूल शिक्षा, प्रतियोगिता में भागीदारी, ट्रेनिंग, मेडिकल सुविधा, ट्यूशन व्यवस्था, साल में एक बार उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए हॉलैंड और इंग्लैंड एक्सपोजर टूर एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जाती हैं। 

आने वाले समय में और बेहतर मिलेंगे परिणाम 
महिला हॉकी अकादमी के चीफ कोच परमजीत सिंह का कहना है कि एमपी महिला हॉकी अकादमी ने 19 साल के सफर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। अकादमी की हॉकी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर कई पदक जीते हैं। हमारी टीम आगे भी ऐसे प्रदर्शन को दोहराती रहे, इसलिए छोटी उम्र की खिलाड़ियों को अकादमी में रखा जाता है। जिससे वे लंबे समय तक यहां रहकर बेहतर परिणाम दे सकें। आने वाले समय में यहां की खिलाड़ी और बेहतर परिणाम देंगी।