Municipal body by-election 2024: मध्यप्रदेश के 14 जिलों में नगरीय निकायों और पंचायतों में खाली पड़े पदों के लिए चुनाव हुए। 5 जनवरी को मतदान और 8 को मतगणना हुई। जिसमें एक बार फिर कांग्रेस को चिंतित करने वाले परिणाम आए हैं। स्थानीय निकायों के उपचुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। 22 में से 3 वार्ड ही कांग्रेस जीत पाई है। पंचायतों में भी कुछ ऐसा ही रिजल्ट सामने आए हैं। यहां सिम्बल पर चुनाव नहीं हुए, लेकिन ज्यादातर भाजपा समर्थित कैंडिडेट ही जीते हैं। 

भोपाल में 25 साल जीती भाजपा 
भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र में स्थित वार्ड-41 में भाजपा ने 25 साल बाद जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी रेहान सिद्दीकी ने 2620 वोट से जीत दर्ज की। कांग्रेस नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष मो. सगीर यहां 1999 से पार्षद थे। उनके निधन के बाद उपचुनाव हुआ था। भाजपा प्रत्याशी रेहान को रिहान 4860 मत मिले। जबकि, फहीम 2200 वोट और अहमद 2160 वोट दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। मंत्री विश्वास सारंग ने बधाई दी। 

भोपाल के वार्ड 41 से नवनिर्वाचित भाजपा पार्षद रेहान सिद्दकी, साथ में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग

इंदौर में निर्दलीय पार्षद बनीं रेखा 
इंदौर नगर निगम के मानपुर वार्ड-2 के लोगों ने भाजपा कांग्रेस से इतर निर्दलीय उम्मीदवार रेखा बाई को अपना प्रतिनिधि चुन लिया। भाजपा पार्षद कांतिलाल जाट ने आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद से यह सीट खाली थी।  

मैहर में तीन माह बाद फिर पार्षद बने पति-पत्नी 
मैहर जिले की रामनगर परिषद में पति-पत्नी दोनों दोबारा पार्षद बन गए। करीब डेढ़ साल पहले भी दोनों लोग पार्षद निर्वाचित हुए थे, लेकिन कोर्ट ने इनका निवार्चन शून्य घोषित कर दिया था। लेकिन उपचुनाव पति-पत्नी दोनों जीत गए। वार्ड-11 से रामसुशील पटेल और वार्ड-2 से उनकी पत्नी सुनीता निर्वाचित हुई हैं। सुनीता पिछली बार और उनके पति रामसुशील पटेल इससे पहले नगर परिषद अध्यक्ष चुने गए थे। रामभुवन पटेल और प्रतिमा गुप्ता ने गबन, घोटाले और रिकवरी की जानकारी छिपाने को लेकर इनके चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए एडीजे कोर्ट अमरपाटन ने 8 नवंबर को दोनों का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली।