MP में छात्र पढ़ेंगे आपातकाल का संघर्ष: मीसाबंदियों का राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, जानें CM की प्रमुख घोषणाएं

MISA prisoners CM Mohan Yadav
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भोपाल स्थित सीएम हाउस में मीसाबंदियों का सम्मान।
MISA prisoners honored in Bhopal: भोपाल स्थित सीएम हाउस में बुधवार को प्रदेश के 750 मीसाबंदी और उनके परिजन पहुंचे। यहां सीएम मोहन यादव ने उनके लिए कई रियायती घोषणाएं करते हुए आपातकाल के संघर्ष को स्कूलों में पढ़ाने का आश्वासन दिया है।

MISA prisoners honored in Bhopal: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार 24 जून को मीसाबंदियों को बड़ी सौगात दी है। भोपाल स्थित सीएम हाउस में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, आपातकाल के संघर्ष की कहानी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और लोकतंत्र सेनानियों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। अंत्येष्टि सहायता की राशि 8000 से बढ़ाकर 10 हजार कर दी।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, बीमार होने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और लोकतंत्र सेनानियों को एयर एंबुलेंस की सुविधा सरकार उपलब्ध कराएगी। एयर टैक्सी के किराए में 25 % छूट मिलेगी। सीएम ने इस दौरान लोकतंत्र सेनानियों की सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। सीएम ने मीसाबंदियों के बच्चों को प्रशिक्षण दिए जाने का ऐलान किया है।

सम्मेलन में प्रदेशभर के मीसाबंदी व उनके परिजन शमिल हुए। सीएम मोहन यादव दिल्ली दौरा छोड़कर भोपाल पहुंचे और लोकतंत्र सेनानियों को शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। इसके बाद वह फिर दिल्ली जाएंगे।

Democracy Fighters Conference Bhopal
भोपाल स्थित सीएम हाउस में मीसाबंदियों का सम्मान।

लोकतंत्र सेनानी संघ के संतोष शर्मा और तपन भौमिक ने मीसाबंदियों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा। कहा, जिनने इस देश में लोकतंत्र की हत्या की, वह आज संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंच रहे हैं। संविधान बचाने का दिखावा करते हैं। इन्हें न कानून में विश्वास है, न लोकतंत्र में और न ही संविधान में भरोसा है।

मीसाबंदियों की यह थीं मांगें
लोकतंत्र सेनानियों ने सीएम को ज्ञापन देकर सर्किट हाउस, विश्राम गृह के किराए पर 50% की छूट व तीन दिन ठहरने की छूट मांगी। साथ ही दिवंगत लोकतंत्र सेनानी जो ताम्रपत्र से छूट गए हैं, उन्हें ताम्रपत्र से सम्मानित किए जाने, स्वतंत्रता सेनानियों की तरह लोकतंत्र सेनानियों को टोल नाके में छूट, आयुष्यमान योजना के तहत व्यय भुगतान में विलंब न हो। राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार व आपातकाल के संघर्ष को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग की थी।

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