ujjain simhastha 2028: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार अगले पांच साल में उज्जैन में एक हजार करोड़ खर्च करने जा रही है। शिप्रा नदी का शुद्धीकरण कर इसमें नए घाटों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सड़कों का चौड़ीकरण भी किया जाएगा।
मप्र सरकार ने उज्जैन के विकास के लिए विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गत दिवस साधु-संतों और स्थानीय जनप्रिनिधियों की बैठकर कार्य योजना से अवगत कराया। साथ ही उनके सुझाव मांगे। बताया कि सिंहस्थ स्नान के लिए शिप्रा नदी के तट पर नए घाटों का निर्माण किया जाएगा। पुराने घंटे की मारम्मत के लिए भी योजना तैयार की गई है।
मेला क्षेत्र से हटेंगे अतिक्रमण, तीन चरणों में नदी शुद्धीकरण
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि शिप्रा नदी के घाटों के विस्तार, मरम्मत सहित अन्य विकास कार्यों के लिए 1000 करोड़ का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। उज्जैन कलेक्टर ने बताया, मेला क्षेत्र के अतिक्रमण चिन्हित कर इन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी। शिप्रा नदी के शुद्धिकरण का कार्य तीन चरणों में किया जाएगा।
सिंहस्थ मेले को लेकर साधु-संतों के सुझाव
- साधु-संतों ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने, शिप्रा नदी के शुद्धिकरण, रामघाट-खाक चौक मार्ग का चौड़ीकरण, घाटों की मरम्मत कर इंदिरा नगर से अतिक्रमण हटाने का सुझाव दिया।
- ग्रीन बेल्ट की दूरी कम करने, रामघाट पर महिलाओं के लिए स्थाई चेंजिंग रूम बनाए जाने, महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ाए जाने, मांस-मदिरा की दुकानें बंद कराने, रामघाट क्षेत्र पर साफ-सफाई किए जाने का सुझाव दिया।
सिंहस्थ मेले में 12 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान
महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन में पहली बार सिंहस्थ मेला लगने जा रहा है। इसमें 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मेले की तैयारियां अभी शुरू कर दी गई हैं। CM डॉ मोहन यादव कहा, सिंहस्थ मेले को इस बार देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया देखेगी। अब तक का यह सबसे विशाल मेला होगा।