Mouni Baba Datia news: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं को निमंत्रण भेजा गया है। रामलला के दरबार तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पूरी अयोध्या को आकर्षक तरीके से सजाया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश के दतिया में एक शख्स ऐसा है, जिसने मंदिर निर्माण के लिए 40 साल नंगे पैर चला, भोजन में अन्न ग्रहण नहीं किया और जवाब नहीं खोली, लेकिन आज जब उनका संकल्प पूरा हुआ तो मंदिर के उद्धाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण तक नहीं मिला।
1980 में लिया था पहला संकल्प
अयोध्या राम मंदिर के लिए मौनी बाबा ने 1980 में अन्न ग्रहण न करने का संकल्प लिया था। 1980 में उन्होंने तय किया था कि अयोध्या में जब तक रालला का मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वह पैरों में जूते नहीं पहनेंगे। इस दौरान मौनी बाबा ने मौन साधना करने का भी निर्णय लिया था। पिछले 40 साल से अपने तीनों संकल्पों का पालन करते आ रहे हैं। अब जब अयोध्या में मंदिर बनकर तैयार हो गया है। 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा भी हो जाएगी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मौनी बाबा 40 साल का व्रत तोड़कर सामान्य जिंदगी जीने लगेंगे।
निमंत्रण न मिलने से निराश
रामलला के मंदिर के लिए 40 साल तक कठिन उपासना करने वाले मौनी बाबा प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण न मिलने से निराश हैं। उन्होंने अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन बाबा के सहयोगी शिक्षक ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बुलाए जाने की अपील की है।