World Heritage day 2025: MP की आन-बान-शान का प्रतीक हैं ये 6 विश्व प्रसिद्ध धरोहर

MP World famous historical monuments
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World Heritage day 2025: MP की आन-बान-शान का प्रतीक हैं ये 6 विश्व प्रसिद्ध धरोहर।
World famous historical Places: ग्वालियर का किला और भोपाल का भोजेश्वर मंदिर सहित मध्य प्रदेश की 6 ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को ने संभावित विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है।

World famous historical Places in MP: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने मध्य प्रदेश की छह ऐतिहासिक इमारतों को संभावित विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। इनमें ग्वालियर किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी के रॉक आर्ट स्थल, बुरहानपुर का खूनी भंडारा और मंडला रामनगर का गोंड स्मारक शामिल हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर खुशी जताते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी है। कहा, मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक भव्यता अब विश्व पटल पर छा रही है। यूनेस्को की विश्व धरोहर केंद्र की संभावित सूची में छह स्थलों को शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश की अद्भुत सांस्कृतिक विरासत को अब विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिलेगी।

MP की 6 विश्व प्रसिद्ध धरोहर

  1. ग्वालियर किला
    अपनी अभेद्य सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध ग्वालियर किला पहाड़ी पर स्थित है। जहां से ग्वालियर सहित आसपास के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं। किला 10 मीटर ऊंची दीवारों, उत्कृष्ट मूर्तियों और अपनी वास्तुकला से सुसज्जित है। इतिहासकारों के अनुसार, ग्वालियर किले की नींव छठी शताब्दी में राजपूत योद्धा सूरज सेन ने रखी थी। विभिन्न शासकों ने इस पर आक्रमण और शासन किया। 1398 में तोमरों वंश ने कब्जा कर लिया। मान सिंह तोमर ने किला परिसर में कई स्मारक बनवाए थे।
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    Gwalior Fort
  2. धमनार गुफाओं का समूह
    धमनार गुफाएं मंदसौर जिले के धमनार गांव में स्थित हैं। 7वीं शताब्दी ई. में निर्मित चट्टान-काट स्थल में 51 गुफाएं, स्तूप, चैत्य, मार्ग और सघन आवास हैं। यहां गौतम बुद्ध की बैठी हुई और निर्वाण मुद्रा में विशाल प्रतिमा स्थित है। उत्तरी तट पर 14 ऐतिहासिक गुफाएं हैं। इनमें बारी कचेरी (बड़ा प्रांगण) और भीम बाज़ार प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। बारी कचेरी गुफा 20 फीट वर्गाकार है। इसमें स्तूप, चैत्य और बरामदे में लकड़ी की वास्तुकला के साथ पत्थर की रेलिंग बनी है।
  3. भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर
    भोपाल से 28 किमी दूर स्थित भोजेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। एक ही पत्थर से तराशा गया 2.35 मीटर ऊंचा शिवलिंग स्थित है। इसकी परिधि लगभग 6 मीटर है। यह शिवलिंग 6 वर्ग मीटर के तीन-स्तरीय बलुआ पत्थर पर स्थापित है। इसकी अद्भुत वास्तुकला के कारण इसे पूर्व का सोमनाथ की उपाधि दी गई है। राजा भोज ने भोजपुर गांव की एक पहाड़ी पर 1010 और 1053 ई. के बीच इसके निर्माण का आदेश दिया था। हालांकि, मंदिर पूरी तरह से कभी नहीं बन पाया।
  4. चंबल घाटी के रॉक आर्ट साइट्स
    चंबल बेसिन और मध्य भारत में विभिन्न ऐतिहासिक काल और सभ्यताओं से उत्पन्न रॉक आर्ट साइट्स का दुनिया का सबसे बड़ा संकेन्द्रण है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले ये स्थल प्राचीन मानव निवास और सांस्कृतिक विकास की जानकारी देते हैं। पुरापाषाण काल ​​से लेकर ऐतिहासिक काल तक फैली रॉक आर्ट में दैनिक जीवन, शिकार प्रथाओं और धार्मिक अनुष्ठानों के प्रतीक देखने को मिलते हैं। चंबल बेसिन में रॉक आर्ट साइट्स कलात्मक शैलियों और सांस्कृतिक के मिश्रण को दर्शाते हैं।
  5. खूनी भंडारा, बुरहानपुर
    अपनी तरह की अनूठी जल आपूर्ति प्रणाली खूनी या कुंडी भंडारा बुरहानपुर में स्थित है। इसका निर्माण 407 साल पुराना माना जाता है। स्थानीय लोगों के लिए यह काफी उपयोगी है। बुरहानपुर के शासक अब्दुल रहीम खानखाना ने 1615 में इसका निर्माण करवाया था।
  6. गोंड स्मारक, मंडला, रामनगर
    मंडला जिले का रामनगर गोंड राजाओं का गढ़ हुआ करता था। 1667 में गोंड राजा हृदय शाह ने नर्मदा तट पर मोती महल बनवाया था। पांच मंजिला यह महल सीमित संसाधनों और तकनीक के बावजूद राजा की दृढ़ इच्छाशक्ति की गवाही देता है। समय के साथ इसकी दो मंजिलें जमीन में दब गई हैं, लेकिन तीन मंजिलें अब भी दिखाई देती हैं।

आकर्षित होंगे पर्यटक, मिलेगी वैश्विक पहचान
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा, मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है। विश्व धरोहर स्थलों को विश्व मानचित्र में स्थान मिलने से पर्यटक आकर्षित होंगे। पर्यटन बोर्ड की पहल पर यूनेस्को ने एमपी के 6 स्थलों को विश्व धरोहर की स्थायी सूची में अधिसूचित कराने के प्रयास किए हैं।

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