भोपाल। मध्यप्रदेश में मंत्रीमंडल के गठन को लेकर भोपाल से दिल्ली तक विचार-मंथन चल रहा है। पिछले एक सप्ताह से भोपाल से दिल्ली तक भागदौड़ चल रही है। गुरुवार को फिर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि इस बार मंत्रीमंडल में मंत्री रह चुके नेताओं के बजाय नए चेहरों को तवज्जो मिल सकती है। तीन से पांच बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री पद से वंचित रह जाने वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री
बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही विधानसभा के अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अब प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, राकेश सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। चर्चा चल रही है कि सांसद से विधायक बने नेताओं को मंत्री का पद दिया जा सकता है। पांचवीं बार नीमच से विधायक बने दिलीप सिंह परिहार को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

मंत्री पद पाने के लिए ये नेता लगा रहे पूरी ताकत 
लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा मंत्रीमंडल के चेहरे तय करने में लगी है। क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को लेकर नामों पर मंथन चल रहा है। बड़े शहरों में चेहरों को लेकर पेंच फंसा है। जैसे सागर में गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में मंत्री थे। अब नए चेहरों में शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया का नाम मंत्री के लिए आगे किया है। इस वजह से भार्गव, भूपेंद्र ताकत लगा रहे हैं। तो गोविंद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया पैरवी कर रहे हैं। हर नेता मंत्री पद पाने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।

रामेश्वर, कृष्णा और विष्णु मंत्री पद के दावेदार
भोपाल में विश्वास सारंग भी शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। अब सारंग के साथ ही तीन बार के तीन विधायक मंत्री पद के दावेदार हैं। रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर और विष्णु खत्री मंत्री पद के दावेदार हैं।

​​​​ये वरिष्ठ विधायक बन चुके मंत्री
नौवीं बार रहली से विधायक बने गोपाल भार्गव 2003 से लगातार मप्र सरकार में मंत्री हैं। इछावर से आठवीं बार चुनाव जीते करण सिंह वर्मा तीन बार राज्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि हरसूद से आठवीं बार विधायक चुने गए विजय शाह तीन बार मंत्री रह चुके हैं। मल्हारगढ़ से आठवीं बार विधायक चुने गए जगदीश देवड़ा उप मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं। सातवीं बार के विधायक अंचल सोनकर भी राज्यमंत्री रह चुके हैं।

दिलीप को छोड़कर ये सभी विधायक मंत्री बन चुके हैं 
चौथीं बार के विधायकों में दिलीप सिंह परिहार को छोड़कर सभी विधायक पहले मंत्री बनाए जा चुके हैं। चौथी बार चुनाव जीतने वाले विधायकों में नारायण सिंह कुशवाह, बृजेंद्र सिंह यादव, गोविंद सिंह राजपूत, सुरेंद्र पटवा, विश्वास सारंग, अर्चना चिटनीस, महेंद्र हार्डिया, हरदीप सिंह डंग मंत्री रह चुके हैं।