स्टूडेंट से नहीं कर सकते मारपीट: स्कूलों को MP सरकार का सख्त आदेश; टीचर को मिलेगी यह सजा

Schools Bans Corporal Punishment
X
Schools Bans Corporal Punishment
मध्प प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह ने मंगलवार (4 मार्च) को पत्र जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया-स्कूलों में छात्रों से मारपीट पर सख्त एक्शन लें।

Corporal Punishment in MP: मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में स्टूडेंट्स की पिटाई और अन्य शारीरिक सजा (कॉर्पोरल पनिशमेंट) पर पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई। इस नियम का उल्लंघन करने वाले टीचर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्कूलों से मांगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह ने मंगलवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र का हवाला देते हुए स्कूलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। कहा, अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा अधिनियम-2009 की धारा 17 (1) में स्कूलों में छात्रों से मारपीट और भेदभाव प्रतिबंधित है। धारा 17 (2) के तहत यह दंडनीय अपराध है।

DPI ने जारी किया आदेश
DPI के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि छात्रों से मारपीट या प्रताड़ित करने के मामले में तत्काल एक्शन लेते हुए कानूनी कार्रवाई करें। बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड भी प्रतिबंधित है। ऐसी घटनाओं की पहचान कर त्वरित और सख्त कदम उठाएं।

शिक्षकों के खिलाफ होगी यह कार्रवाई

  • स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड देने पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
  • शिक्षकों और अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों पर नौकरी से निलंबन या बर्खास्तगी की कार्रवाई भी संभव।
  • छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के निर्देश।

स्कूलों में बनेगा सकारात्मक महौल
मध्य प्रदेश सरकार का यह आदेश स्कूलों में अनुशासन के नाम पर होने वाली हिंसा खत्म करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्कूलों में सकारात्मक माहौल बनेगा। शिक्षक और छात्रों के बीच बेहतर संबंध बनेंगे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story