MP Politics News: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की पिटीशन पर सुनवाई के बाद MP हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता इमरती देवी और मध्यप्रदेश शासन को नोटिस जारी किए हैं। जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने इमरती देवी और मध्यप्रदेश शासन से पूछा है कि पटवारी पर आरोप लगाने का आधार क्या है? मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। पटवारी की ओर से पैरवी अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने की है। 

जानें पूरा मामला 
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का 3 मई को एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में पूर्व मंत्री इमरती देवी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जीतू  ने कहा था कि देखो ऐसा है, अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है। जो अंदर चाशनी होती है, उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा। इस बयान के बाद इमरती देवी ने ग्वालियर के डबरा थाने में धारा 509 (महिला के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर उसके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश) और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धरा 3 (1) (r) के तहत एफआईआर कराई थी। 

कोर्ट ने जीतू पटवारी को दी राहत 
इमरती देवी द्वारा कराई गई FIR को रद्द कराने के लिए जीतू पटवारी ने हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई। हाईकोर्ट ने पटवारी को यह राहत भी दी है कि यदि उनके खिलाफ एफआईआर या गिरफ्तारी जैसी कोई बात आती है तो वे तत्काल कोर्ट की शरण में आ सकते हैं। पटवारी की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने बताया कि पूर्व मंत्री इमरती देवी ने एफआईआर में यह कहा है कि जीतू पटवारी के बयान से उनकी लज्जा भंग हुई है।  FIR में भी यही एक्ट लगी है। यह पूरी तरह गलत है क्योंकि बयान में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ है।