भोपाल (वहीद खान)। जमीन के खसरे से आधार लिंक कराने का काम जारी है। इसी के साथ सरकार ने अब किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करने का फैसला लिया है, जिसके तहत किसानों की जमीन का डेटा एक जगह पर आ जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को मिलने वाली पीएम, सीएम सम्मान निधि, फसल मुआवजा, क्रेडिट कार्ड, लोन सहित अन्य योजनाओं का फायदा लेने में आसानी होगी। हालांकि एक किसान की अलग-अलग तहसील में जमीन होने पर अलग-अलग आईडी बनाई जाएगी।
भोपाल जिले में करीब एक लाख 55 हजार किसान हैं, जिनका सरकार को पता होगा कि कौन सा किसान कितनी जमीन का मालिक है। उसके पास खेती की कितनी जमीन सिंचित और असिंचित है। जिले में सभी एसडीएम और कृषि विभाग के अफसरो को 30 नवंबर तक फार्मर रजिस्ट्री का काम पूरा कराना है। प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख दुर्गा पटले ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री का काम शुरु कर दिया गया है। किसान खुद भी आईडी जनरेट कर सकेंगे।
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बिना आईडी के नहीं मिलेगी पीएम सम्मान निधि
सरकार ने किसानों के लिए साफ कर दिया है कि दिसंबर माह से पीएम किसान योजना का लाभ केवल फार्मर आईडी के माध्यम से ही किसानों को मिल सकेगा। इसलिए सभी किसानों को इसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। सरकार का मानना है कि इससे किसानों को मिलने वाली योजनाओं के काम में पारदर्शिता आएगी।
ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए एमपीएफआर डॉट एग्रीस्टेक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। जिसके लिए पटवारी, युवा और किसानों को मोबाइल एप से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। हर एक गांव में एक किसान की भूमि की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इस पोर्टल का उपयोग कर किसानों के सभी खातों को लिंक करते हुए ई-केवाईसी की जाएगी।
क्यों कराया जा रहा रजिस्ट्रेशन
केंद्र और प्रदेश की योजनाओं का फायदा दिलाने के लिए किसानों की पहचान और प्रमाणीकरण आसानी से हो सकेगा। किसानों के लिए कृषि ऋण, वित्त और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कृषि सेवाओं की उपलब्धता में आसानी रहेगी। किसानों को फसल ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, कृषि के विकास के लिए अन्य लोन आसानी से मिल सकेंगे। फसल बीमा का लाभ आसानी से मिल सकेगा।