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MP News: एमपी में फर्जी मदरसों की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। जांच अधिकारी और मदरसा बोर्ड के सचिव नितिन सक्सेना को हटा दिया गया है।

भोपाल। राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के दखल के बाद प्रदेश में फर्जी मदरसों को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की धीमी कार्यशैली के चलते एक्शन ठंडे बस्ते में चला गया है।  

हालत ऐसी है कि कार्रवाई करने वाले मदरसा बोर्ड के सचिव नितिन सक्सेना को ही हटा दिया गया है। उनके स्थान पर बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ अपर संचालक डीबी प्रसाद को सौंपा गया है। उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कमल सोलंकी ने इसके आदेश जारी कर दिए है। 

बता दें कि प्रदेश के मदरसों में हजारों की संख्या में हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बीती 15 जून को मंत्रालय में आयोजित बैठक में दी थी। अध्यक्ष कानूनगो ने कहा था कि शिक्षा के अधिकार को लेकर गंभीर मामला सामने आया है।

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यह है पूरा मामला 
राष्ट्रीय बाल आयोग की ओर प्रदेश में कई फर्जी मदरसे संचालित होने का खुलासा किया गया था। करीब डेढ़ साल पहले मदरसा बोर्ड के सचिव पद पर अतिरिक्त प्रभार के रूप में लोक शिक्षण में पदस्थ संयुक्त संचालक नितिन सक्सेना की नियुक्ति की गई। सक्सेना ने मदरसा बोर्ड में फर्जी रूप से जमें कर्मचारियों को हटाया था। इसके बाद फर्जी मदरसों की फाइल बनाना शुरू की। 

उन्होंने सबसे पहले श्योपुर जिले के कुछ मदरसों पर कलेक्टर के मार्फत मान्यता खत्म कराई, जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे। वहीं, विभागीय मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भी फर्जी मदरसों पर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन उनकी बात पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। 

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