MP Nursing College Fraud: मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित 364 नर्सिंग कॉलेज में से 66 नर्सिंग कॉलेजों को जबलपुर हाईकोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया है। जबकि 73 कॉलेजों में गंभीर खामियां बताई है। एडमिशन के लिहाज से169 कॉलेज ही उपयुक्त पाए गए हैं। सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर होईकोर्ट ने प्रदेश के इन कॉलेजों को तीन कटेगरी में बांटते हुए खामियां दूर कर नए सिरे से मान्यता प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। 

यह हैं अनुपयुक्त बताए गए नर्सिंग कॉलेज 

हाईकोर्ट द्वारा अनुपयुक्त बताए गए मप्र के 66 नर्सिंग कालेजों की सूची।

CBI जांच में उपयुक्त मिले कॉलेजों को हाईकोर्ट के आदेश 
जबलपुर हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े से जुड़ी अलग-अलग तीन याचिकाएं दायर की गईं थीं। जिन पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायलय की डबल बेंच ने 22 फरवरी को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की सूची जारी कर मप्र के 66 नर्सिंग कॉलेज अनुपयुक्त और 73 नर्सिंग कॉलेजों में गंभीर खामियां बताई है। हाईकोर्ट ने 169 कॉलेजों को ही कोर्स संचालित करने और परीक्षा लेने के लिए उपयुक्त बताया है। न्यायालय ने इन 169 नर्सिंग कॉलेज के संचालकों को सत्र 2022-2023 की नामांकन प्रक्रिया और 2024-2025 के लिए मान्यता प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। 

हाईकोर्ट ने मप्र के इन नर्सिंग कालेजों में बताई गंभीर खामियां

मप्र हाईकोर्ट द्वारा सूची में इन कॉलेजों में बताई गई गंभीर खामियां।

प्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित होने की शिकायत पर होईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने कॉलेजों में दबिश देकर वहां उपलब्ध संसाधन और दस्तावेजों का सत्यापन कर बिंदुवार रिपोर्ट तैयार की थी। जिसे हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनाई के दौरान प्रस्तुत किया। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कोर्ट ने 139 कॉलेजों को अपात्र बताया है। साथ ही जांच में उपयुक्त बताए गए प्रदेश के 169 नर्सिंग कॉलेजों नए सिरे से मान्यता और नामांकन प्रक्रिया शुरू कराने का आदेश दिया है।