MP Politics: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को लेकर कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एमपी में भी मुख्यमंत्री पद की लड़ाई चल रही है। बताया कि CM मोहन यादव को निपटाकर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला खुद सीएम बनना चाहते हैं। एक माह पहले उन्होंने एक पार्टी के बहाने ब्राह्मण विधायकों को बैठक बुलाई थी। बैठक में भाजपा के साथ अन्य दलों के विधायक शामिल थे। 

विधायक अभय मिश्रा ने सीएम मोहन यादव को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें डिप्टी सीएम शुक्ला पर मनमानी और क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर जरूरत से ज्यादा हस्ताक्षेप करने का आरोप लगाते हुए उनकी संवैधानिक शक्तियों पर सवाल उठाए हैं। कहा, डिप्टी सीएम की हैसियत एक मंत्री से ज्यादा नहीं है, लेकिन वह सीएम की तर्ज पर काम कर रहे हैं। 

CM मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष के नाम कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा का पत्र।

CM मोहन यादव को लिखे पत्र की मुख्य बातें 

  • सीएम मोहन यादव को लिखे पत्र में अभय मिश्रा ने बताया कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला हमारे क्षेत्र में विकास कार्य अटका रहे हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में वह इसी तरह अनावश्यक हस्तक्षेप करते हैं। जो कि पद का दुरुपयोग है। 
  • अभय मिश्रा ने कहा, मेरी नॉलेज में इनका पद एक कैबिनेट मंत्री का है। लेकिन, अधिकारियों को निलंबन और तबादले की धमकी देते हैं। वह मुख्यमंत्री और श्रीनिवास तिवारी बनने का प्रयास करते हैं। तिवारी जी उप मुख्यमंत्री नहीं थे। उन्हें भगवान के घर से हुनर मिला था।
  • अभय मिश्रा ने लिखा, डिप्टी सीएम की आत्मा सेमरिया क्षेत्र में भटकती है। यहां स्थित गौशाला में पहले भी जमीन का बड़ा खेल हुआ है। जेपी, अल्ट्राटेक और टाटा ग्रुप समेत कई संस्थाओं से 20-25 करोड डोनेशन मिलता है। 40 रुपए प्रति गाय के हिसाब से आठ करोड तो शासन से भी मिलता है। पहले गौशाला का संचालन ट्रस्ट करता था। अब इनके परिवार के लोग मेंबर हैं। 
  • अभय मिश्रा ने रिंग रोड के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कहा, साउथ के कॉन्ट्रेक्टर ने 180 करोड का काम लिया, लेकिन उसे काम नहीं करने दिया। जबरन रेट टू रेट पेटी कांट्रेक्ट ले लिया। रेट के बाद भी आठ करोड एक्ट्रा लिए। उसने चार माह बाद एक्सटेंशन लगाया तो एनएचएआई से टर्मिनेट करा दिया। जिसके बाद भांजे ने सुसाइड कर ली। बैंक गारंटी भी जब्त हो गई। बीसों करोड़ के बिल पासा नहीं होने दिए। 50 प्रतिशत काम होने के बाद 180 करोड़ का टेंडर 250 करोड़ का कराया।