MP Heritage Train: MP की एकलौती हेरिटेज ट्रेन से वादियों का दीदार करने का वक्त अब नजदीक आ गया है। पयर्टकों को सिर्फ एक से दो हफ्ते का और इंतजार करना पड़ सकता है। जुलाई के अंत तक टूरिस्ट्स हेरिटेज ट्रेन से जंगल, झरने और खूबसूरत वादियों की सैर कर पाएंगे। पातालपानी से कालाकुंड के बीच 10 किमी ट्रैक पर हेरिटेज ट्रेन दौड़ेगी। महू-पातालपानी ब्राडगेज लाइन पर ट्रेन का स्पीड ट्रायल पूरा हो गया है। ये ट्रेन शुरुआत में सप्ताह में तीन दिन चलेगी।
अभी तीन दिन चलेगी
जानकारी के मुताबिक, मानसून लेट होने की वजह से रेलवे ट्रेन का संचालन जुलाई माह के अंत से शुरू करने की योजना बना रहा है। शुरुआत में सप्ताह में तीन दिन शुक्र, शनि और रविवार को ट्रेन चलाई जाएगी। पर्यटक संख्या बढ़ने पर सातों दिन ट्रेन चलाने की तैयारी है। इस ट्रेन से यात्री इंदौर से पातालपानी तक डेमू से सीधे जा सकेंगे। पातालपानी के बाद यात्री कालाकुंड तक का रोमांचक सफर विस्टाडोम वाली हैरिटेज ट्रेन से कर सकेंगे।
5.5 किमी डेमू से सफर करना पड़ेगा
पातालपानी से कालाकुंड के बीच 10 किमी के ट्रैक पर सफर के दौरान यात्री पातालपानी स्टेशन, पातालपानी वाटरफॉल, वैली ब्रिज, कालाकुंड और चार टनल का रोमांच अनुभव कर सकेंगे। महू से पातालपानी के बीच 5.5 किमी के हिस्से में गेज परिवर्तन के कारण यात्री को डेमू ट्रेन से यात्रा करनी होगी और इसके बाद हेरिटेज ट्रेन का सफर किया जा सकेगा।
AC चेयर-कार का किराया 265 रुपए
शुरुआत में हेरिटेज ट्रेन पातालपानी-कालाकुंड के बीच दो विस्टाडोम C-1 और C-2 (AC चेयर-कार) कोच और दो नॉन-AC D-1, D-2 और D-3 कोच के साथ चलेगी। विस्टाडोम कोच में 60 सीटें हैं, जिसमें AC चेयर-कार का किराया 265 रुपए और नॉन-AC चेयर-कार का किराया 20 रुपए प्रति टिकट रहेगा। टिकट बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट या रिजर्वेशन सेंटर से की जा सकती है।
पातालपानी से 11:05 बजे रवाना होगी हेरिटेज ट्रेन
ट्रेन संख्या 52965 पातालपानी कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन 11:05 बजे पातालपानी से चलकर 13:25 बजे कालाकुंड पहुंचेगी। वापसी ट्रेन संख्या 52966 कालाकुंड पातालपानी हेरिटेज ट्रेन कालाकुंड से 15:34 बजे चलकर 16:30 बजे पातालपानी पहुंचेगी। कालाकुंड पहुंचने पर ट्रेन वहां लगभग दो घंटे खड़ी रहेगी, जिससे यात्री कालाकुंड के झरने और पहाड़ों की सैर कर सकेंगे।
2018 में हुई थी इस ट्रेन सेवा की शुरुआत
पातालपानी से कालाकुंड की वादियों के ट्रैक को 2018 में हेरिटेज ट्रैक घोषित किया गया था। इस ट्रैक पर चलने वाली यह हेरिटेज ट्रेन शुरुआत से ही यात्रियों के बीच लोकप्रिय रही है। हर साल मानसून के दौरान इसका संचालन किया जाता है। इस रेलवे लाइन की स्थापना 1877 में की गई थी और कुछ साल पहले इसे बंद करने की योजना थी, लेकिन पर्यटन स्थल के महत्व को देखते हुए इसे चालू रखा गया।