Land records modernizetion: मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में लैंड रिकॉर्ड के मॉर्डनाइजेशन के लिए हाईटेक तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग ने इसके लिए डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत नक्शा (National Geospatial Knowledge-based Land Survey of Urban Habitations NAKSHA) कार्यक्रम लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 फरवरी को रायसेन में इसकी औपचारिक शुरुआत करेंगे।
पायलेट प्रोजेक्ट में MP के यह शहर
केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश के 152 नगरों में नक्शा कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इनमें 10 नगर मध्य प्रदेश के हैं। एमपी में 18 फरवरी से जिन नगरों में डिजिटल लैंड रिकार्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम शुरू हो रहा है। उनमें शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार, कोठी, मेघनगर, माखन नगर (बाबई), विदिशा, सांची और उन्हेल शामिल है।
नक्शा कार्यक्रम की खासियत
- सटीक लैंड रिकॉर्ड: GIS तकनीक का उपयोग कर भूमि और संपत्तियों का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा।
- संपत्ति स्वामित्व की पारदर्शिता: इससे स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया तेज और आसान होगी।
- शहरी विकास में मदद: जियो-मैप डेटा के जरिए नगर नियोजन और शहरी विकास योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।
- लेन-देन में सुविधा: संपत्ति की खरीद-बिक्री और अन्य लेन-देन अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होंगे।
लैंड रिकॉर्ड मार्डनाइजेशन के फायदे
लैंड रिकॉर्ड मार्डनाइजेशन से शहरों के विकास से जुड़ी बेहतर योजना बनाई जा सकेंगी। नगर निगमों और प्रशासन को टैक्स कलेक्शन और योजना निर्माण में मदद मिलेगी। साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आएगी। जमीन संबंधी विवादों के समाधान में भी आसानी होगी।