राष्ट्रीय शिक्षा नीति : MP में स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, सरकारी स्कूलों में होगी एग्रीकल्चर की पढ़ाई

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एमपी में अभी 18 सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय संचालित हैं। सत्र 2025-2026 से 8 हजार स्कूलों में एग्रीकल्चर, पशुपालन और हर्टीकल्चर के कोर्स शुरू करने की तैयारी है।

Agriculture Faculty in MP School: मध्य प्रदेश में एग्रीकल्चर की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एमपी के सभी सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से कृषि संकाय शुरू होगा। छात्र कला, विज्ञान और कामर्स की तरह कृषि की पढ़ाई भी कर सकेंगे। एमपी में अभी सिर्फ 18 सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय संचालित है। अगले सत्र से 8 हजार स्कूलों में शुरू होगा।

कृषि संकाय शुरू करने जरूरी शर्तें

  • स्कूल शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम डिजाइन करने के निर्देश दिए हैं। शुरुआत में कृषि संकाय उन स्कूलों में शुरू होगा, जहां एक से डेढ़ बीघा जमीन है। जिन स्कूलों के पास कृषि भूमि नहीं है, वह आसपास के किसानों से अनुबंध कर बच्चों को खेती सिखाएंगे।
  • कृषि संकाय के लिए विद्यालय में कम से कम 70 स्टूडेंट्स अनिवार्य हैं। कृषि विषय पढ़ाने अगल शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जाएगा।

उद्यानिकी और पशुपालन की भी पढ़ाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देशित किया है कि सरकारी स्कूलों में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, डेयरी, पशुपालन सहित अन्य विषयों की पढ़ाई शुरू की जाए। इसके लिए विद्यालय स्तर पर शिक्षाविद, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्थाओं और विषय विशेषज्ञों की समिति गठित की जाएगी।

रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम पर फोकस
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ संजय गोयल ने बताया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने पर जोर दिया गया है। एग्रीकल्चर भी इसमें शाामिल है। प्रदेश के सभी स्कूलों में कृषि संकाय शुरू किए जाने की तैयारी है। विद्यार्थी खेत में जाकर प्रैक्टिकल भी कराए जाएंगे।

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