Navratri 2024: भोपाल में बन रहा 'अयोध्या राम मंदिर', जानें आप कब कर पाएंगे रामलला के दर्शन

Ayodhya Ram Temple in Bhopal
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Ayodhya Ram Temple in Bhopal
शारदीय नवरात्रि पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। मध्य प्रदेश में 9 देवियों के आगमन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार श्रद्धालुओं को भोपाल में अयोध्या राम मंदिर की झलक देखने को मिलेगी।  

Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक चलेगा। मां दुर्गा इस बार पालकी में विराजमान होकर आएंगी। मध्य प्रदेश सहित देशभर में 9 देवियों के आगमन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राजधानी भोपाल में श्रद्धालुओं को अयोध्या के राम मंदिर की झलक देखने को मिलेगी। बिट्टन मार्केट में 90 फीट ऊंचे राम मंदिर की झांकी तैयार हो रही है। 11 हजार मीटर कपड़ा, 13 हजार बांस और 4 हजार घनमीटर लकड़ी से राम मंदिर को तैयार किया जा रहा है। एक करोड़ से तैयार हो रही झांकी रामायण थीम पर सजाई जा रही है। भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर धनुर्विद्या तक की लीलाओं को झांकी में दर्शाया जाएगा।

एक करोड़ से बनकर तैयार हो रही झांकी
जय मां वैष्णव दुर्गा उत्सव और राम रसोई समिति बिट्टन मार्केट में अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर झांकी सजाने का काम कर रही है। झांकी का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। अब कपड़ा लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। समिति के सदस्यों ने बताया कि झांकी एक करोड़ से बनकर तैयार हो रही है। झांकी रामायण थीम पर सजाई जाएगी। भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर धनुर्विद्या तक की लीलाओं को इस झांकी में दर्शाया जाएगा। अगले साल झांकी आगे की लीलाओं पर केंद्रित रहेगी। झांकी में 50 से अधिक प्रतिमाएं विराजमान होंगी।

झांकी बनाने से पहले राम मंदिर की किया निरीक्षण
बता दें कि झांसी को बनाने से पहले समिति के सदस्य और कारीगर अयोध्या गए थे। अयोध्या राम मंदिर का भ्रमण और वहां की कारीगरी और मंदिर की बारिकियां देखकर आए। उसी आधार पर झांकी बनाई जा रही है। खास बात यह है कि झांकी में स्थापित होने वाली मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। शेष प्रतिमाएं मूर्तिकारों को वापस कर दी जाएगी, ताकि जलस्त्रोत सुरक्षित रहें। समिति के लोगों ने बताया कि इस झांकी में रामजन्म से लेकर शिक्षा तक की लीलाओं को दर्शाया जाएगा।

नवरात्र में कब-कब शुभ योग

  • 3 अक्टूबर: ऐंद्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 5 अक्टूबर: सर्वार्थ सिद्धि और प्रीति योग
  • 6 अक्टूबर: प्रीति योग
  • 7 अक्टूबर: मानस योग और सर्वार्थ सिद्धि
  • 8 अक्टूबर: आयुष्मान योग
  • 9 अक्टूबर: शोभन योग और ध्वज योग
  • 10 अक्टूबर: धाता योग
  • 11 अक्टूबर: आनंद योग, सर्वार्थ सिद्धि योग

11 को मनेगी अष्टमी और नवमी
पंडित राम प्रकाश शुक्ला का कहना है कि 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट कलश स्थापना के मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। तिथि की घटा-बढ़ी की वजह से अष्टमी और नवमी 11 अक्टूबर को एक साथ मनाई जाएगी। जिन लोगों के यहां अष्टमी पूजन रात में होती है, तो वे 10 अक्टूबर को रात में अष्टमी तिथि लगने पर उसका संकल्प कर अगले दिन सुबह पूजा कर सकते हैं।

मां का पालकी में आना मिश्रित फलदायी रहेगा
मां का पालकी में आना मिश्रित फलदायी रहेगा, परंतु मां दुर्गा की किसी भी रूप में उपासना करने वाले साधकों के लिए सुखद और शुभ फलदायी रहेगा। समापन के बाद दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी दिन प्रतिमाओं का विसर्जन भी होगा, जो 13 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

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