भोपाल का काली मंदिर: दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मन्नत, मंदिर की स्थापना के बाद कम हुए हादसे 

भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित मिसरोद में पहले रोजाना हादसे हुआ करते थे, लेकिन मंदिर की स्थापना के बाद हादसे कम हो गए। मन्नत पूरा होने पर भक्त काली मंदिर में ज्योति जलाते हैं।;

Update: 2024-10-08 05:05 GMT
Bhopal Misraud Kali Temple
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Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का आज यानी मंगलवार को छठवां दिन है। आज हम आपको भोपाल के मां काली मंदिर की महिमा, महत्व और मान्यता के बारे में बता रहे हैं। चलिए जानते हैं मिसरौद स्थित काली माता मंदिर कितना खास है...। मान्यता है कि काली माता के दरबार में जो भक्त सच्ची श्रद्धा से अर्जी लगाते हैं, माता रानी उनकी मुराद पूरी करती हैं। श्रद्धालु यहां नौकरी, संतान प्राप्ति और बीमारी से मुक्ति की मुरादें लेकर आते हैं।

रोजाना होते थे हादसे 
मातारानी उनकी मनोकामना भी पूरी करती हैं। होशंगाबाद रोड पर मिसरोद स्थित मां काली के मंदिर में इन दिनों भक्तों का तांता लग रहा है। लोगों ने बताया, पहले यहां रोजाना हादसे हुआ करते थे, लेकिन मंदिर की स्थापना के बाद हादसे बंद हो गए। वाहन चालक माता रानी के मंदिर के सामने पहले सिर झुकाकर नमन करते हैं। फिर आगे का सफर तय करते हैं।  

पूरी होती है मन्नत 
मां काली के अनन्य भक्त गोविंद ने बताया, वह सालों से माता रानी के दर्शन के लिए आ रहे हैं। मां काली के आशीर्वाद से उन्हें काफी तरक्की मिली है। नवरात्रि में हम लोग देवी दर्शन के लिए आते हैं और माता रानी हमारी हर मांग पूरी करती हैं। मन्नत पूरी होने पर नवरात्रि पर अखंड ज्योत जलाते हैं। 

मां के आशीर्वाद से मिली तरक्की 
श्रद्धालु राधा बाई लोधी ने बताया कि माता रानी के आशीर्वाद से काफी उन्नति हुई। आज घर-परिवार में सभी लोग अच्छे से रहते हैं। हम लोग जब भी माता काली के दरबार से निकलते है। यहां रुककर हाजरी लगाते हैं।

9 दिन अखंड ज्योत जलाते हैं भक्त 
मंदिर के पुजारी राम किशन ने बताया कि काली मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। देवी दर्शन मात्र से यहां से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। भक्तों की मन्नत पूरी होने पर नवरात्रि के 9 दिन तक अखंड ज्योत जलाते हैं। तो कुछ श्रद्धालु मंदिर में नौ दिन दुर्गा सप्तशती पाठ सहित विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। नवमी के दिन यहां हवन यज्ञ के बाद विशाल भंडारा करते हैं। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण करते हैं।
 

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