Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिन है। मां शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि में चारों तरफ आस्था और भक्ति की बयार बह रही है। मातारानी को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के खरगोन, राजगढ़, दतिया में श्रद्धा और अटूट विश्वास का दृश्य देखने को मिला। देवी मां की अनूठी साधना में भक्त लीन हैं। कोई लोहे की 2551 कीलों पर लेटकर साधना कर रहा तो किसी ने शरीर को मिट्टी में दबाकर ज्वारे बोए हैं। आइए जानते हैं कठोर तपस्या कर रहे भक्तों के बारे में...।

खरगाेन: गर्दन से पैर तक जमीन के अंदर, सिर पर जवारे 
खरगोन से 60 किमी दूर महेश्वर विकासखंड के करौंदिया गांव में 50 साल के गुजराती बाबा ने मां की अनोखी साधना कर रहे हैं। अन्न-जल त्याग कर बाबा देवी की उपासना में लीन हैं। बाबा ने जवारा समाधि ली है। बाबा ने गर्दन से पैर तक शरीर को जमीन के अंदर किया और सिर के ऊपर जवारे बो हैं। बाबा का कहना है कि जगत कल्याण, व्यसन मुक्ति और सनातन धर्म की एकता के लिए वे देवी मां की आराधना में लीन हैं। 3 अक्टूबर को हवन पूजन के बाद यह समाधि ली थी, जो 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन पूरी होगी।

सिर्फ एक चम्मच पानी पीते हैं 
बाबा समाधि के दौरान केवल एक-दो चम्मच पानी पीते हैं ताकि शरीर की नसें सूख न जाएं। गुजराती बाबा का नाम जगदीशानंद गुरु कल्याणदास महाराज है। बाबा 33 वर्षों से देवी साधना में लीन हैं। बाबा अब तक देशभर में 24 से 25 समाधियां ले चुके हैं, हिमालय से शुरुआत हुई और गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी समाधि ली है। बाबा का लक्ष्य है कि वे देश के हर राज्य में तीन समाधियां लें...।  

राजगढ़: 2551 कीलों पर लेटकर माता की आराधना
राजगढ़ में एक भक्त मां की अनोखी साधाना में लीन है। अमोदीया गांव निवासी दयाराम कटारा छोटा ऊंचा कोटड़ा धाम स्थित चंडी चामुंडा माता मंदिर में अन्न-जल त्यागकर 2551 लोहे की कीलों पर लेटकर माता की आराधना कर रहे हैं। दयाराम का कहना है कि देश में शांति बनी रहे, इसकी कामना के लिए वे माता की साधना कर रहे हैं। 

सुबह और शाम दो घूंट पानी पीते हैं 
दयाराम कटारा नवरात्रि के पहले दिन से ही निराहार रहकर माता की आराधना कर रहे हैं। लोहे की 2551 कील से बने बिस्तर पर लेटकर और अपने पेट पर जवारे बोए हुए ज्योति कलश प्रज्वलित कर माता की साधना कर रहे हैं। दयाराम की साधना नवरात्रि के अंतिम दिन समाप्त होगी। दयाराम सुबह और शाम सिर्फ दो घूंट पानी पीते हैं।  

दतिया: शरीर पर बोए जवारे 
दतिया के खानपुरा में दुर्गा मां के अनन्य भक्त कमलेश धाकड़ मातारानी की अनोखी साधना में लीन हैं। कमलेश ने अपने शरीर पर जवारे बोए हैं।  9 दिन उपवास रखकर मां की आराधना कर रहे हैं। कमलेश ने 3 अक्टूबर को पेट पर जवारे बोए थे उनकी आराधना पूरे 9 दिन तक चलेगी।  कमलेश का कहना है कि गुरुजी से बात करने के दौरान मां से प्रेरणा मिली और शरीर पर ज्वारे बो लिए। भले ही हम पानी भी नहीं पी रहे हैं लेकिन हमें अब तक कोई तकलीफ नहीं हुई। कमलेश के परिजन और ग्रामीण मानते हैं कि माता की कृपा से कमलेश को कोई परेशानी नहीं हुई।