MP News: मध्य प्रदेश की जेलों में बड़े बदलाव की तैयारी है। बंदियों को भोजन के साथ अब दूध-दही, छाछ और सलाद जैसी पौष्टिक चीजें परोसी जाएंगी। जेल विभाग ने इसके लिए नया मैनुअल तैयार किया है। वित्त विभाग और कैबिनेट से मंजूरी मिली तो 1 जनवरी से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।   

बंदियों को मिलेगा बेहतर भोजन
मप्र सुधारात्मक सेवाएं व बंदीगृह अधिनियम के तहत जेल में बंदियों को खानपान की बेहतर सुविधा मिलेगी। टीबी के मरीजों को अंडा और अन्य बंदियों को सप्ताहांत में मिष्ठान्न दिया जाएगा। जेल विभाग के इस प्रस्ताव की वित्त विभाग समीक्षा कर रहा है।  

पुराने कानून में व्यापक बदलाव
मध्य प्रदेश की जेलों में 1894 का कानून लागू है। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए इस कानून में कई अप्रचलित तरीके शामिल हैं। सरकार ने जेलों में सुधारात्मक सेवाएं बढ़ाने पुराने कानून को बदलने की दिशा में पहल की है। एमपी में भी जेल नियमों में बदलाव किया जा रहा है। इसमें लगभग एक हजार नए नियम शामिल किए गए हैं।

जेलों में बंदियों की संख्या
मध्य प्रदेश की जेलों में इस समय 45 हजार बंदी हैं। जिन्हें बेहतर खानपान सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। नए कानून के मुताबिक, खतरनाक बंदियों को अलग सेल में रखा जाएगा। 

रुचि अनुसार भोजन बना सकेंगे बंदी 
जेल में बंदियों को दूध, दही, छाछ और सलाद जैसी पौष्टिक चीजें उपलब्ध कराने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इतना ही नहीं 
नए जेल अधिनियम के मुताबिक, बंदी अपनी रुचि अनुसार खाना बना सकेंगे। सरकार ने यह निर्णय उनके जीवन स्तर में सुधार के उद्देश्य से लिया है। 

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व्यय का आकलन कर रहा वित्त विभाग 
बंदीगृह के खानपान को सुधारने के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। जिसमें अच्छा खासा बजट खर्च होने वाला है। यही कारण है कि मंजूरी देने से पहले वित्त विभाग प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने बताया, बंदियों के लिए बेहतर खानपान की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा। फिलहाल, प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है।