National Education Policy-2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्य और कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए भोपाल में दो दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें राज्यपाल मंगु पटेल मुख्यमंत्री मोहन यादव, उच्च शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार और अतुल कोठारी, हिंदी अकादमी के डायरेक्टर ने विचार व्यक्त किए। उच्च शिक्षामंत्री इंदर सिंह ने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रम में शामिल कर इसे समृद्ध और सशक्त करेंगे। इसके लिए शासन स्तर से प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।
विचार, कार्यव्यवहार और बौद्धिकता से भारतीय बनें नागरिक : कोठारी
डॉ अतुल कोठोरी ने बताया कि शिक्षा नीति का उद्देश्य ऐसे नागरिकों को तैयार करना है, जो विचार, कार्यव्यवहार और बौद्धिकता से भारतीय बनाए। शिक्षा बदलेगी तो देश बदलेगा। हम चाहते हैं भारत विश्वगुरू बने, लेकिन ऐसी शिक्षा तो है नहीं। भारतीय ज्ञान परंपरा को भारीतय भाषा में ही लाया जा सकता है। आज देश के लााखों छात्र विदेशों में जाते हैं, लेकिन उतनी मात्रा में विदेश छात्र भारत में नहीं आते। इस पर चिंतन करने की जरूरत है। भारतीय की एक समृद्ध परंपरा रही है। भारतरीय ज्ञान परंपरा को सशक्त कर पुन भारत को ज्ञान के क्षेत्र में दुनियां का सिरमौर बनाया जा सकता है।
लुटेरों को विश्व विजेता के रूप में पढ़ाया जा रहा: इंदर सिंह परमार
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, उच्च शिक्षा में अभी गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। लुटेरों को विश्व विजेता के रूप में पढ़ाया जा रहा है। जिस सिकंदर की विक्रमादित्य से लड़ने की जुर्ररत नहीं हुई, वह विश्व विजेता कैसे होगा। मंत्री परमार ने कहा, भारतीय ज्ञान परंपरा के आधार पर पाठ्यक्रम और शिक्षा उपलब्ध कराने वाला मप्र देश का पहला राज्य बनेगा। मैकाले की शिक्षा प्रणाली ने हमारी ज्ञान परंपरा को कमजोर किया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, हम उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने जा रहे हैं।