Nurse-led clinic in AIIMS Bhopal: एम्स भोपाल के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। गुरुवार को कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने नर्स-लेड क्लिनिक का शुभारंभ किया। सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से 10:30 बजे के बीच संचालित होने वाली इस क्लीनिक में अभी रेडियोथेरेपी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरोलॉजी और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
पैशनेट केयर पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
प्रो. अजय सिंह ने क्लीनिक के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। कहा, नर्स-लेड क्लीनिकों की स्थापना स्वास्थ्य देखभाल के लिए महत्वपूर्ण प्रयास है। यह न केवल नर्सों के नैदानिक प्रशिक्षण को बल्कि नर्सिंग के सभी मनकों को बढ़ाएगा। नर्सिंग छात्रों के नैदानिक कौशल में सुधार होगा और रोगी की संतुष्टि को बढ़ाने के लिए पैशनेट केयर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। डॉ. सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और राज्य नर्सिंग स्कूलों के साथ संभावित सहयोग की सम्भावनाएं तलाशने को कहा। प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देकर सिस्टम तैयार किया जाएगा, जो अंततः देश में बेहतरीन नर्सिंग प्रोफेशनल्स के विकास को बढ़ावा देगा।
कौशल-आधारित मॉड्यूल और लॉगबुक का अनावरण
उद्घाटन समारोह में नर्स-लेड क्लिनिक के लिए एक कौशल-आधारित मॉड्यूल और लॉगबुक का अनावरण भी किया गया। नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के एसोसिएट डीन डॉ. सैकत दास ने नर्सिंग के भविष्य को आकार देने में भूमिका पर जोर देते हुए, नर्स के नेतृत्व वाले क्लिनिक के कामकाज की जानकारी प्रदान की।
डॉ. लिली पोद्दार ने कहा, इससे न केवल नर्सिंग पेशे को आगे बढ़ाने में बल्कि रोगी देखभाल के ऊंचे स्तर में योगदान देने में भी अहम भूमिका होगी। यह रोगी-केंद्रित और कौशल-संवर्धित स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य की दिशा में अग्रणी कदम है। संस्था स्वास्थ्य देखभाल की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। उप निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा अधीक्षक, संकाय सदस्यों, नर्सिंग छात्रों और अन्य अधिकारियों सहित विशिष्ट अतिथियों उपस्थिति थे।
आईवीएफ और भ्रूण स्थानांतरण पर सीएमई
एम्स भोपाल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग का स्थापना दिवस पर विभाग ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और भ्रूण स्थानांतरण (ईटी) पर सीएमई का आयोजन हुआ। इसमें आईवीएफ-ईटी और हिस्टेरोस्कोपी तकनीक का प्रदर्शन किया गया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह व भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी बतौर अतिथि शामिल हुए।
प्रोफेसर अजय सिंह ने बताया, स्थापना दिवस पर आईवीएफ तकनीकों के प्रदर्शन के साथ आईवीएफ-ईटी जैसे प्रासंगिक विषय पर सीएमई हुई, यह सराहनीय प्रयास है। डॉ. सिंह ने एम्स में मातृ मृत्यु में क्लिनिकल ऑटोप्सी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की पुस्तिका जारी की। यह दस्तावेज़ कारण को समझने के लिए मातृ मृत्यु के मामलों में शव परीक्षण करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है।