MP Nursing Exam: एमपी की जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को फर्जी नर्सिंग कॉलेज से जुड़े हुए मामले की सुनवाई की। इस सुनवाई में हाईकोर्ट ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि अपात्र और डिफ़िशिएंट कॉलेज के छात्र भी परीक्षा दे सकते हैं। इस फैसले के बाद अब प्रदेश के करीब 45 हजार नर्सिंग के छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठ सकेंगे।
3 साल से नहीं हुई परीक्षा
बता दें कि नर्सिंग फर्जीवाड़े कॉलेज के चलते प्रदेश में 3 साल से नर्सिंग की परीक्षाएं नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते प्रदेश के हजारों छात्रों का भविष्य अधर में अटका हुआ था।
जानिए क्या है पूरा मामला
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि सत्र 2021-22 के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह मौका दिया गया है बशर्ते की परीक्षाओं में पास होना अनिवार्य है। अगर छात्र फेल हो जाता है। तो उन्हें भी अपात्र कॉलेजों की तरह अमान्य घोषित कर दिया जायेगा। इससे पहले हाई कोर्ट के निर्देश पर समय सारणी जारी की गई थी। समय सारणी देखें
इसके बाद अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों ने ने भी परीक्षा में राहत देने की मांग की थी। वहीं लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सोमवार को जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष युगल पीठ ने सुनवाई की।
पूर्व आदेश में अपात्र घोषित किया था
हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश में सीबीआई जांच में अनसूटेबल पाए गए कॉलेजों के स्टूडेंट्स को भी अपात्र घोषित किया था। हाईकोर्ट ने आदेश में संशोधन करते हुए नए निर्देश जारी किए हैं। कुछ छात्र-छात्राओं और कॉलेजों की ओर से आवेदन पेश कर कोर्ट से मांग की गई थी कि स्टूडेंट्स के भविष्य और कोरोना काल में इनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें परीक्षा में सम्मिलित किया जाए।