हरि अग्रहरि, भोपाल

महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया की अध्यक्षता में मंत्रालय में मध्य प्रदेश वित्त एवं विकास निगम की 79वीं संचालक मण्डल की बैठक हुई। बैठक में वर्तमान कार्यों की प्रगति तथा निगम के सुदृढ़ीकरण के लिए नए प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि महिला-बाल विकास विभाग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण है। महिला वित्त विकास निगम इसमें अहम भूमिका निभा सकता है।

मंत्री ने कहा कि निगम के माध्यम से प्रदेश के महिला वर्क-फोर्स के लिये रिसोर्स पूल तैयार करें। निगम ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर प्रदेश की महिला वर्क-फोर्स की कौशल दक्षता का परीक्षण कर उन्हें कुशल, अर्द्ध-कुशल तथा अकुशल श्रेणी में वर्गीकृत करें। अकुशल ओर अर्द्ध-कुशल महिलाओं को प्रशिक्षण दें। सुश्री भूरिया ने कहा कि मप्र महिला वित्त एवं विकास निगम प्रदेश के सभी विभागों में महिला वर्क-फोर्स की मांग अनुसार रिसोर्स पूल से कुशल, अकुशल और अर्द्ध-कुशल श्रेणी महिला वर्क-फोर्स को संबंधित विभाग को उपलब्ध करा सकेगा। बैठक में आयुक्त महिला-बाल विकास श्रीमती सूफिया फारुकी वली, महिला वित्त एवं विकास निगम के महाप्रबंधक अरविंद सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

निगम को एक नई भूमिका में आना होगा
मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निगम को एक नई भूमिका में आना होगा। विभिन्न विभागों से समन्वय के लिए निगम के अंतर्गत चैनल पार्टनर को सूचीबद्ध करें। उन्होंने दूसरे राज्यों में महिला वित्त विकास निगम की कार्य पद्धति के अध्ययन के लिए टीम भेजकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। महिला वित्त एवं विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती निधि निवेदिता ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम की ओर से महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से निर्मित ऐसे उत्पाद, जो गुणवत्तापूर्ण हों एवं विपणन संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति करते हो, का चिन्हांकन कर बाजार से लिंक किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने ये भी कहा कि प्रायोगिक तौर पर एक या दो उत्पाद जैसे कोदो-कुटकी से निर्मित बिस्कुट, कुकीज, नमकीन आदि, जो आवश्यक लायसेंस एवं पंजीकरण की पूर्ति करते हैं, को ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेजॉन आदि पोर्टल पर जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।