पहलगाम आतंकी हमला: आखिरी सफर पर निकले सुशील नथानियल, नम आंखों से दी विदाई

Pahalgam terror attack: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल की अंतिम यात्रा इंदौर के जूनी इंदौर कब्रिस्तान में पहुंची। पूरे ईसाई रीति-रिवाजों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उनके घर वीणा नगर से शुरू हुई यह यात्रा शुरु हुई , जहां किसी की आंख नम थी और हर दिल भारी।
परिवार का टूटा सहारा
सुशील का पार्थिव शरीर नंदा नगर चर्च लाया गया, जहां उनके लिए विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसके बाद शव को कब्रिस्तान ले जाया गया। इस दौरान पत्नी जेनिफर का अपने पति के ताबूत से लिपटकर रोना, पिता का बदहवास होना इन दृश्यों ने हर किसी को झकझोर दिया।
श्रद्धांजलि देने उमड़े जनसैलाब
अंतिम यात्रा में उनके परिजनों के साथ-साथ रिश्तेदार, सहकर्मी और स्थानीय लोग भारी संख्या में शामिल हुए। मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला सहित कई सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
"सरकार बदला ले", बोले सहकर्मी
सुशील के सहकर्मियों ने गुस्से और दुःख के बीच कहा, "यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है। सरकार को इसका सख्त जवाब देना चाहिए।" उनके इस बयान में गहरी वेदना और न्याय की पुकार छिपी थी।
पहलगाम का काला दिन
बता दें, एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ सुशील अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे। 22 अप्रैल की दोपहर बैसारन घाटी में हुए फायरिंग में वे आतंकियों का शिकार हो गए। बेटी आकांक्षा को भी पैर में गोली लगी, जो फिलहाल इलाजरत है।
एक संजीदा परिवार, टूटा एक स्तंभ
सुशील की पत्नी सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं, बेटी आकांक्षा बैंक ऑफ बड़ौदा में अधिकारी और बेटा ऑस्टिन एक होनहार बैडमिंटन खिलाड़ी है। परिवार ने एक ऐसा इंसान खोया है जो उनकी रीढ़ था।
