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MP Employee News: मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नियमों में बदलाव कर सभी जिलों के कलेक्टर और जिपं सीईओ को आदेशित किया है कि पंचायत सचिवों की अनुकंपा नियुक्ति नए नियमों के अनुसार करें। 

MP Employee News: मध्य प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में पदस्थ पंचायत सचिवों के लिए राहतभरी खबर है। मोहन यादव सरकार ने उनके हित में बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार, अगर सेवाकाल के दौरान किसी पंचायत सचिव की असमय मृत्यु हो जाती है तो परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देने का काम अब सात साल की अवधि तक किया जा सकेगा।  

कलेक्टर और जिपं सीईओ को आदेश 
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने विभागीय नियमों में बदलाव कर सभी जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को आदेशित किया है। जिला कलेक्टरों को कहा गया कि पंचायत सचिवों को अनुकंपा नियुक्ति अब नए नियमों के अनुसार ही दी जाए। 

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2017 की शर्त में संशोधन 
मंत्रालय से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि पंचायत सचिव के लिए अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान 15 नवम्बर 2017 से शुरू हुए थे, लेकिन इसमें मृत्यु तारीख से तीन साल तक ही पात्रता की शर्त जोड़ दी गई थी। सरकार ने इस शर्त में संशोधन कर पात्रता अवधि 3 की बजाय 7 साल कर दिया है। 

दूसरे जिले में भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति 
पंचायत सचिवों की सेवाकाल के दौरान असमय मृत्यु पर भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाती थी। जिलों में पद रिक्त न होने की बात कहकर आश्रितों को टाल दिया जाता था, लेकिन मई 2024 में हुए नोटिफिकेशन में विभाग ने पंचायत अधिनियम के नियम 5 के बाद नियम 5 (क) स्थापित किया है। जिसमें प्रावधान है कि जिस जिला पंचायत के अंतर्गत पंचायत सचिव सेवारत था, अगर उस जिले में पद रिक्त नहीं है तो अन्य जिलों में भी अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी। इसके लिए पंचायत राज संचालनालय द्वारा संबंधित जिला पंचायत को आवेदन भेजा जाएगा।  

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