Pandit Deen Dayal Rasoi Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रही पंडित दीनदयाल रसोई अपनी अलग पहचान नहीं बना पा रही है। इसका बड़ा कारण समय और क्वालिटी के साथ बैठक व्यवस्था भी बेहतर नहीं है। वहीं, भोजन परोसने वाले लोगों का भी शेड टूटा-फूटा है, जिससे बारिश में वे भोजन परोसते समय भीगते रहते हैं। कहा जा रहा है कि कर्नाटक और तमिलनाडु की तर्ज पर ही यह रसोई चल रही है।
नमक और ज्यादा पानी की शिकायतें
भोपाल शहर में रहने वाले या बाहर से आने वाले गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए नगर निगम द्वारा चलाई जा रही है। इन रसोई में बनने वाले भोजन में नमक की मात्रा और ज्यादा पानी की शिकायतें अब आ रही हैं। इस संबंध में पिछले दिनों महापौर ने क्वालिटी सुधारने के लिए निर्देश भी दिए थे। अभी संचालित हो रहे केंद्रों से चलित रसोई भी रोजाना शहर में चल रही हैं।
भोजन की गुणवत्ता पर राय
भोजन की गुणवत्ता को लेकर भोपाल में रहकर मजदूरी करने वाले बीरबल पटेल ने बताया कि भोजन की क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन मजबूरी में इसके बाद भी पेट भर खाना खाया जा सकता है। एक और युवक सतेंद्र ठाकुर दीनदयाल रसोई में बने भोजन को लेकर कहा कि वह रोजाना इसी का भोजन करते हैं, लेकिन समय निर्धारित नहीं होने के कारण वह कई बार भूख से तड़प जाते हैं।
मात्र 10 रुपए में इन क्षेत्रों में रसोई का भोजन
बता दें कि शहर के कोलार क्षेत्र में सर्वधर्म बी सेक्टर में गणपति अपार्टमेंट के सामने, करोंद स्थित नवाब कॉलोनी के सामुदायिक भवन में, गोविंदपुरा क्षेत्र के रत्नागिरी स्विमिंग पूल के सामने, पुतलीघर बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय भवन में पंडित दीन दयाल रसोई संचालित की जा रही है। रसोई से मिलने वाले भोजन की थाली में कई व्यंजनों को शामिल किया गया जाता है, जो दोपहर के भोजन और वास्ते के रूप में भी उपलब्ध होता है। इसका मूल्य केवल 10 रुपए निर्धारित है।
पहले एक थी दीनदयाल रसोई
भोपाल में 2 वर्ष पहले तक एक ही पंडित दीनदयाल रसोई का संचालन सुल्तानिया अस्पताल के सामने शाहजहांनी पार्क में हो रहा था। इसके बाद चार और स्थानों पर यह रसोई शुरू की गई। वन क्लास रसोई खोलने के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया गया था. जहां स्लम एरिया के ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा निले। इसके बाद भी यह रसोई रैन बसेरा और अस्पतालों के आसपास ही चल रही है।
अप्रैल 2017 में शुरुआत
अप्रैल 2017 में तत्कालीन शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश में गरीबों को रियायती दरों पर 5 रुपए में पौष्टिक और भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए पंडित दीनदयाल रसोई योजना शुरू की गई थी। बाद में दीनदयाल रसोई को और बड़े पैमाने पर खोलने की घोषणा की। उसके बाद अब कई शहरों में रसोई शुरू हो रही है। प्रदेश में कुल 166 रसोई केंद्रों का संचालन किया जा रहा है।
शिकायत पर कार्रवाई
नगर निगम भोपाल के किशन सूर्यवंशी ने इस संबंध में मामलों की शिकायत को लेकर कहा कि भोपाल में चलने वाली पंडित दीन दयाल रसोई के भोजन की गुणवत्ता को लेकर रोजाना जांच की जा रही है। कहीं भी कोई शिकायत मिलती है तो तुरंत संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।