PM Modi cabinet Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 'मोदी सरकार' के तीसरे कार्यकाल में मध्यप्रदेश से 5 सांसदों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान केंद्र में पहली बार मंत्री बने हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार दूसरी बार मोदी कैबिनेट के सदस्य बने हैं। टीकमगढ़ से सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार लगातार तीसरी बार केंद्र में मंत्री बने हैं। धार लोकसभा सीट से सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली। इसके साथ ही दुर्गादास उईके बैतूल लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। मोदी कैबिनेट में पहली बार जगह मिली है। पांचो ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
शिवराज पहली बार बने केंद्रीय मंत्री
मध्यप्रदेश से केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए गए इन तीन चेहरों में शिवराज और सिंधिया ओबीसी वर्ग से आते हैं। डॉ. वीरेंद्र कुमार एससी वर्ग से हैं। शिवराज छठवीं बार और सिंधिया 5वीं बार सांसद बने हैं। डॉ. वीरेंद्र कुमार 8वीं बार के सांसद हैं। बैतूल से सांसद दुर्गादास उईके और धार से सांसद सावित्री ठाकुर भी पहली बार केंद्र में मंत्री बनने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें से तीन सांसदों को कैबिनेट मंत्री तो दो सांसदों का राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
शिवराज के बारे में सबकुछ
शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में 'मामा' नाम से भी पुकारा जाता है। शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को हुआ था। 64 साल के शिवराज ने इस बार विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा को 8.21 लाख वोटों से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ शिवराज छठवीं बार सांसद बने। पहली बार 1991 में सांसद बने थे। 2005 से 2023 तक चार बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। लंबा प्रशासनिक अनुभव और संघ के करीबी हैं। शिवराज ने पोस्ट ग्रेजुएट हैं। परिवार में पत्नी साधना सिंह, दो बेटे कार्तिकेय और कुणाल हैं।
जानें कौन हैं वीरेंद्र कुमार खटीक
डॉ. वीरेन्द्र खटीक एक बार फिर से मोदी सरकार में मंत्री बन गए हैं। टीकमगढ़ से आठवीं बार सांसद चुने गए वीरेंद्र खटीक लोकप्रिय नेता हैं। सागर में जन्मे वीरेंद्र खटीक को पिछली सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। वीरेंद्र कुमार ने चार लोकसभा चुनाव प्रदेश की सागर लोकसभा सीट और चार लोकसभा चुनाव टीकमगढ़ लोकसभा सीट से जीते हैं। पहली बार 1996 में हुए 11वें लोकसभा चुनावों में निर्वाचित हुए। जिसके बाद उन्होंने साल 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में वे चार लाख मतों से जीते हैं। वीरेंद्र कुमार ने पीएचडी तक शिक्षा हासिल की है।
कौन हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
एक जनवरी 1971 को जन्मे ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के बेटे हैं। माधवराव भी गुना सीट से जीतकर संसद पहुंचते थे। 30 सितंबर 2001 को प्लेन दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। सिंधिया ने एमबीए तक की शिक्षा हासिल की है। परिवार में पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, बेटा महानआर्यमन सिंधिया और बेटी अनन्याराजे सिंधिया है। पिछली बार मोदी कैबिनेट में केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन, इस्पात मंत्री बनाया गया था।
पांचवीं बार बने सांसद
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ा। सिंधिया ने 9 लाख 19 हजार 515 वोट हासिल कर कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह को 5.38 लाख वोटों से हराया। यादवेंद्र 3.80 लाख वोट ही हासिल कर पाए। इस जीत के बाद सिंधिया पांचवीं बार सांसद बने। 2002, 2004, 2009, 2014 का चुनाव जीते। 2019 में भाजपा के केपी यादव से सिंधिया गुना से चुनाव हारे थे। इसके बाद 11 मार्च 2020 को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। राज्यसभा सदस्य बने। पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं। सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब मनमोहन सरकार में भी मंत्री थे।
कौन हैं दुर्गादास उईके
दुर्गा दास उइके को डीडी उइके के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गादास उईके बैतूल लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। 2024 में बैतूल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम को 3 लाख 79 हजार 761 वोटों से हराया। उईके दलित वर्ग से आते हैं। दुर्गादास ने शिक्षक के पद से इस्तीफा देकर साल 2019 में पहली बार भाजपा के टिकट पर बैतूल से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दुर्गादास उईके एमए और बीएड की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं।
सावित्री दूसरी बार सांसद बनीं
मध्य प्रदेश के धार लोकसभा सीट से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने वालीं सांसद सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। सावित्री आरएसएस की पृष्ठभूमि से आती हैं। सावित्री ने अपने करियर की शुरुआत एक एनजीओ में को-ऑर्डिनेटर के रूप में की थी। सावित्री आदिवासी समाज से आती हैं। 10वीं तक शिक्षा हासिल की है। परिवार में पति तुकाराम ठाकुर और दो बेटे हैं। पिछली बार 17वीं लोकसभा की सदस्य नहीं रहीं। 2004 से 2009 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। 2014 में पहली बार सासंद बनीं। 2024 में दूसरी बार सांसद चुनी गईं।