Honeytrap: मप्र में हनी ट्रैप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हसीन युवतियां अपनी मीठी बातों से पहले लोगों को फंसाती हैं, फिर रुपयों की मांग करती हैं। हनी ट्रैप को अंजाम देने वाले गिरोह के निशाने में पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेताओं के साथ बड़े व्यवसायी होते हैं, जो आसनी से रुपए उपलब्ध करा सकें। ताजा मामला शाजपुर में सामने आया है। यहां एक पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया गया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की जा रही। मप्र में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
हनी ट्रैप के कुछ चर्चित केस
- राजस्थान पुलिस इंटेलिजेंस ने सेना के जवान आकाश महरिया को गिरफ्तार किया था। वह भी पाकिस्तानी महिला के संपर्क में था। पूछताछ में बताया कि मोबाइल के जरिए पाक एजेंट के संपर्क में आ गया था। उसके मोबाइल में अश्लील चैटिंग भी मिली थी।
- राजस्थान के जोधपुर में इंटेलिजेंस ने हनीट्रैप के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के लिए जासूसी करने वाले सेना के जवान को गिरफ्तार किया था। वह जोधपुर की संवेदनशील रेजीमेंट में पोस्टेड था, लेकिन पाकिस्तानी महिला के संपर्क में आ गया था। जरूरी सूचनाएं भी शेयर करने लगा था।
- राजस्थान के जैसलमेर बार्डर से भारतीय सेना के जवान सोमबीर को गिरफ्तार किया गया था। 2016 में सेना में भर्ती हुआ सोमबीर भी आईएसआई की महिला एजेंट के संपर्क में था। सोमबीर हनीट्रैप में फंसकर गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था।
- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वायुसेना के जवान देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था। पुलिस को संदेह था कि देवेंद्र को पाकिस्तान हनी ट्रैप का शिकार है और वह वायुसेना की संवेदनशील जानकारी शेयर कर सकता है।
- शाजापुर में दो साल पहले हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया था। तब, पेट्रोल पंप व्यवसायी को इसका शिकार बनाया गया था। युवती ने पहले ऑनलाइन दोस्ती की और फिर उसे सुनसान जगह पर मिलने के लिए बुलाया। वहां साथियों की मदद से किडनैप कर व्यवसायी से जमकर मारपीट की गई। उसके साथ मौजूद लोगों ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया और घटनाक्रम का वीडियो बनानाकर 50 लाख रुपए की डिमांड करने लगे थे। लालघाटी पुलिस ने इस पर प्रकरण दर्ज किया था।
क्या है हनीट्रैप
हनीट्रैप दो शब्दों हनी का मतलब शहद और ट्रैप का मतलब जाल से मिलकर बना है। यानी मीठे-मीठी शब्दों से अपने जाल में फंसाया जाता है। इस तरह की ज्यादातर वारदातें खूबसूरत महिलाओं के जरिए हनीट्रैप करने का काम सौंपा जाता है। जो उच्च अधिकारियों व जिम्मेउसा पदों पर बैठों लोगों को शिकार बनाती हैं। गिरोह का मकसद संस्था से जुड़ी गोपनीय जानकारियां हासिल कर रुपए कमाना होता है।
इग्नोर करें गैर जरूरी मैसेज
हनीट्रैप का इस्तेमाल दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर की नाजी सेना को फंसाने के लिए भी किया गया था। हालांकि, समय के साथ इसके तरीके बदल गए हैं। अब इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इस खेल में फंसाया जाता है। वाट्सएप, फेसबुक, वीडियो कॉल, मैसेंजर व अन्य माध्यमों पर अलर्ट रहने की जरूरत है। अनजान फोन काल्स और मैसेज पर गंभीरता बरतना जरूरी है। गैरजरूरी मैसेज और फोन काल्स को इग्नोर भी करना चाहिए।