Jabalpur News:  जबलपुर में महिलाओं ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि थाने में हमारी सुनवाई नहीं होती है। इसके लिए दर-बदर भटकने के लिए मजबूर हैं। लेकिन जिम्मेदार पुलिस अधिकारी पीड़ित महिलाओं की आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। जबलपुर से फतेह सिंह की रिपोर्ट...। 

जबलपुर में महिला अपराध को लेकर पुलिस प्रशासन हमेशा बैठक करते रहते हैं। लेकिन थाने में पीड़ितों की आवाज सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। पुलिस को लेकर कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि हमारी फरियाद को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। जिसकी शिकायत को लेकर महिलाओं ने जिला पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस पर कार्रवाई न करने लगाया आरोप
एसपी कार्यालय शिकायत को लेकर पहुंची एक महिला ने बताया, मनीष पटेल नाम का लड़का मेरे से झूठ बोलकर शादी किया। बाद में मेरे साथ मारपीट गाली-गलौज करने लगा। जब हम उससे अलग होना चाहे तो हमें पता चला कि वह शादीशुदा है, लेकिन अब वह अलग नहीं रहने दे रहा है। वह लगातार धमकी दे रहा है। मनीष मैहर जिले का निवासी 

वहीं महिला ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर कहा कि हम 15 दिन से थाने का चक्कर लगा रहे हैं। हम सिंगरौली से आते हैं, लेकिन हमारी पुलिस सुनने को तैयार नहीं है। उसने बताया कि हमें इस थाने से उस थाने घुमाया जा रहा है लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक एफआईआर नहीं लिखी गई है। हम न्याय चाहते हैं।

पुलिस घरेलू मामला बताकर टाल देती है
एक अन्य महिला ने बताया कि पति के साथ मेरा लंबे समय विवाद चल रहा है। हम जब इसकी शिकायत लेकर थाने जाते हैं तो वहां घरेलू मामला बताकर वापस कर दिया जाता है। कैंट थाने में हमारी शिकायत नहीं लिखी गई है, इसलिए हम एसपी ऑफिस में शिकायत करने के लिए आए हैं।

पुलिस पुलिस महिलाओं की सुनती ही नहीं: पीड़ित महिला
हरिभूमि के रिपोर्टर ने एसपी ऑफिस के पास एक और महिला से बातचीत की तो उसने बताया कि हमारे ससुराल पक्ष के लोग दहेज को लेकर हमेशा मारपीट करते हैं। कहते हैं दहेज लेकर आओ। हमने उन्हें 15 लाख रुपए दहेज भी दिए। इसकी शिकायत लेकर संजीवनी थाने और महिला थाने गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला ने बताया कि चाहे घरेलू हो या कोई और मामला पुलिस महिलाओं की सुनती ही नहीं है।

थाने का चक्कर लगाने के लिए मजबूर
जबलपुर में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा सहित अन्य तरह से प्रताड़ित करने के मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओ से ठगी सूदखोरी और उनसे छेड़छाड़ सहित बदमाशों द्वारा हमला करने के मामले भी थानों तक पीड़ित महिलाएं लेकर जाती है, लेकिन पुलिस महिलाओं को बार बार थाने के चक्कर लगवाने मजबूर कर रहा है।