राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किए महाकाल दर्शन: मंदिर परिसर में झाडू लगाई, इंदौर-उज्जैन 6 लेन सड़क का किया भूमिपूजन

President Draupadi Murmu Ujjain Visit
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राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मु उज्जैन पहुंचीं: स्वच्छता मित्रों का सम्मान।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गुरुवार, 19 सितंबर को उज्जैन पहुंचकर बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना किया। इससे पहले उन्होंने स्वच्छता मित्रों का सम्मान और इंदौर उज्जैन छह लेन सड़क की आधारशिला रखी।

President Ujjain Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मध्य प्रदेश प्रवास के दूसरे दिन उज्जैन पहुंचीं। यहां सबसे पहले वह स्वच्छता मित्रों के सम्मान समारोह में शामिल हुईं। इसके बाद महाकाल मंदिर पहुंचकर बाबा के दर्शन किए। गर्भगृह में पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति ने महाकाल लोक देखा। साथ ही इंदौर-उज्जैन 6 लेन सड़का का शिलान्यास किया। द्रौपदी मुर्मु उज्जैन आने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। इनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति कोविंद भी उज्जैन आए थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकाल लोक में झाडू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत अन्य नेताओं ने भी मंदिर परिसर की साफ-सफाई की।

इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन सड़क का शिलान्यास

उज्जैन के रुद्राक्ष होटल में आयोजित स्वच्छता मित्र सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन सड़क निर्माण का शिलान्यास भी किया। कहा, उज्जैन की इस धरती को मैं नमन करती हूं। यहां संस्कृति और सभ्यता की परंपरा सदियों से अस्तित्व में बनी हुई है। उज्जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र भी रहा है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की।

5 सफाई मित्रों का सम्मान

राष्ट्रपति ने कहा, इंदौर लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। यह गौरव की बात है। उज्जैन भी नए मानदंड गढ़ रहा है। इसमें स्वच्छता मित्रों का अहम योगदान है। राष्ट्रपति ने इस दौरान 5 सफाई मित्रों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल, सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, प्रतिमा बागरी भी मंचासीन रहीं।

तत्कालीन राष्ट्रपति कोविन्द भी आए थे

29 मई 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी उज्जैन आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी आईं थीं। कालिदास संस्कृत अकादमी में हुए अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन में बतौर अतिथि शामिल हुए और फिर महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह से अभिषेक-पूजन किया था।

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