भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल जिले के दो मामलों में संज्ञान लिया है। पहला मामला शहर के आधा दर्जन से अधिक शौचालय आठ माह से बंद होने का है। मामले में आयोग ने नगर निगम आयुक्त को जांच के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आयोग ने की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी तलब किया है।
आयोग के संज्ञान में आया है कि भोपाल शहर के विभिन्न व्यस्त इलाकों में विगत आठ माह से आधा दर्जन से ज्यादा शौचालय बंद पड़े हैं। बताया जा रहा है कि शहर में शौचालय संचालन करने वाली एजेंसी का टेंडर मार्च में ही समाप्त हो चुका है। इस कारण शहर के कई शौचालय बंद पड़े हुये है। शौचालय के बंद पड़े होने से आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ राह है और शौचालय के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है। आसपास के लोग बदबू से परेशान हैं।
एचटी लाइन को सहारा देने वाला खंभा ही झुक गया
भोपाल शहर के शाहपुरा क्षेत्र स्थित प्रशासन अकादमी के सामने स्थित शाहपुरा तालाब किनारे गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन के खंभो को सहारे देने के लिए अलग से लगाए गए पोल के झुक गए हैं। तालाब के अंदर लगे पोल भी रोड की तरफ झुक गए और वहां लगी सुरक्षा जाली से चिपकने का खतरा बना हुआ है। इस कारण करंट फैलने की स्थित में जाली में भी करंट फैल सकता है।
मामले में आयोग ने कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल से मामले की जांच कराकर जन सुरक्षा हेतु की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।